बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने जनसंघ के नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय और गुजरात के पूर्व गृहमंत्री हरेन पांड्या की हत्या को लेकर फिर से जांच कराने की मांग की है। स्वामी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों के तहत जांच के लिए दो अलग-अलग आयोग बने। जो इन मौतों की अनसुलझी गुत्थी को सुलझा सके।

हाल के दिनों में मोदी सरकार को अक्सर घेरने वाले स्वामी ने एक बार फिर से ऐसी मांग की है जिससे बीजेपी नेतृत्व परेशान हो सकता है। इन दोनों हत्याओं में बीजेपी के भी कई नेताओं पर आरोप लगे थे। स्वामी ने क्या कहा- “दीनदयाल उपाध्याय और हरेन पंड्या की हत्या के रहस्य को उजागर करने की जरूरत है। सेवानिवृत्त एससी न्यायाधीशों के अधीन दो अलग-अलग जांच आयोग गठित किए जाने चाहिए”।

दरअसल हरेन पांड्या की हत्या में अमित शाह और तब के गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी पर भी आरोप लगे थे। विपक्षी दल इसे समय-समय पर हवा देते रहे हैं। पांड्या के पिता इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी गए थे। हरेन पांड्या का मामला जब भी उछलता है, तब मोदी और पांड्या के विवाद सामने आ जाते हैं।

क्या था विवाद- दरअसल जब मोदी गुजरात की राजनीति में आ रहे थे, तब केशुभाई पटेल सीएम थे, उनके इस्तीफे के बाद ही मोदी गुजरात के सीएम बने थे। केशुभाई पटेल के ही खास थे हरेन पांड्या जो गुजरात के गृहमंत्री रह चुके थे। आरएसएस और राज्य की राजनीति में अच्छी खासी पकड़ थी। राज्य में पांड्या और मोदी के बीच विवाद शुरू हो गया। कभी सीट को लेकर तो कभी गुजरात दंगों को लेकर। इसी बीच मार्च 2003 में उनकी हत्या कर दी गई। इस हत्या के बाद खूब बवाल मचा। कई थ्योरी आई और गई, शाह से लेकर मोदी तक पर आरोप लगे, सीबीआई जांच हुई, 12 दोषी पाए गए, लेकिन हत्या को लेकर विवाद आज भी जारी है।

दीनदयाल उपाध्याय– जनसंघ के नेता दीनदयाल उपाध्याय की लाश 11 फरवरी 1968 को मुगलसराय स्टेशन के पास मिली थी। तब सीबीआई जांच हुई लेकिन मौत को लेकर रहस्य बरकरार रहा। इस मामले में भी जनसंघ के नेताओं पर आरोप लगे थे और आरोप लगाने वाले भी जनसंघ के ही लोग थे। कई आरोपों और प्रत्यारोपों के बाद भी इनकी मौत की गुत्थी नहीं सुलझी है।