दिल्ली में प्रदूषण की समस्या काफी गंभीर हो गई है। संसद के शीतकालीन सत्र में भी इस पर खूब चर्चा हो रही है। चर्चा के दौरान भाजपा सांसद प्रवेश साहिब वर्मा ने दिल्ली के प्रदूषण को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा। भाजपा सांसद ने तंज कसते हुए कहा कि 5 साल पहले अकेला सीएम खांसता था, आज पूरी दिल्ली खांस रही है। भाजपा नेता ने केजरीवाल सरकार पर बीते पांच साल के दौरान दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया।
प्रवेश साहिब वर्मा ने कहा कि दिल्ली के सीएम प्रदूषण के लिए किसानों के पराली जलाने को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और यह बताने के लिए वह अखबारों में करोड़ों रुपए के विज्ञापन छपवा रहे हैं! वर्मा ने आरोप लगाया कि बीते कई सालों से दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन के लिए एक भी बस नहीं खरीदी गई। वहीं निजी वाहन बीते पांच सालों में 40 लाख से बढ़कर एक करोड़ से ज्यादा हो गए हैं। भाजपा सांसद ने शहर में उड़ती धूल, निर्माण कार्यों पर रोक ना लगाए जाने को प्रदूषण बढ़ने का कारण बताया। वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी लोकसभा में इस मुद्दे पर अपनी बात रखी।
मनीष तिवारी ने कहा कि जब दिल्ली में हर साल प्रदूषण की समस्या होती है, तो इस मुद्दे पर सरकार या संसद की तरफ से कुछ नहीं किया जाता। क्यों लोगों को हर साल इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना होता है? यह बेहद चिंता का विषय है। आज ये अहम है कि यह सदन, जो लोगों द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों से बनता है, वह राष्ट्र को एक संदेश दे कि यह सदन इस मुद्दे को लेकर संवेदनशील और गंभीर है। यह सिर्फ वायु प्रदूषण ही नहीं है, हमारी नदियां भी आज प्रदूषित हो चुकी हैं।
भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने प्रदूषण के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि पराली जलाना एक समस्या है, लेकिन सिर्फ किसानों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराने से कोई मदद नहीं मिलेगी। गंभीर ने कहा कि हमें किसानों को मदद देने की जरुरत है, ताकि वह पराली खत्म करने के लिए अन्य तरीकों को आजमाएं। गंभीर बोले कि लोगों ने हमें वोट एक दूसरे पर कीचड़ उछालने के लिए नहीं दिया है।
वहीं टीएमसी सांसद काकोली घोष वायु प्रदूषण की समस्या की तरफ ध्यान दिलाने के लिए सदन में ही मास्क पहनकर आयीं। सदन में चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि ‘देश को स्वच्छ हवा मिशन की जरुरत है।’