पंजाब कांग्रेस के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा भाई कहने पर भाजपा सांसद गौतम गंभीर गर्म हो उठे और उन्होंने कहा कि इस तरह का बयान देने से पहले अपने बच्चों को सीमा पर भेजिए।
भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से भारत 70 वर्षों से लड़ रहा है और यह शर्मनाक है कि सिद्धू एक आतंकवादी देश के प्रधानमंत्री को अपना बड़ा भाई बता रहे हैं। गंभीर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अपने बेटे या बेटी को सीमा पर भेजिए और फिर आतंकवादी देश के प्रमुख को अपना बड़ा भाई बताइए। शर्मनाक, रीढ़विहीन।
दरअसल शनिवार को पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरूद्वारे की यात्रा के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू ने पाक प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा भाई बताया था। पाकिस्तानी सीमा में दाखिल होने के बाद करतारपुर कॉरिडोर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के सीईओ मुहम्मद लतीफ ने नवजोत सिंह सिद्धू का स्वागत किया था। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की ओर से नवजोत सिंह सिद्धू और उनके प्रतिनिधिमंडल को शुभकामनाएं दीं तो इस पर सिद्धू ने इमरान की तारीफ़ करते हुए उन्हें बड़ा भाई बता दिया।
सिद्धू ने कहा कि मैं बहुत आभारी हूं। इमरान खान मेरा बड़ा भाई है। उसने बहुत प्यार दिया। इस दौरान करतारपुर साहिब के सीईओ मोहम्मद लतीफ ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके साथ आए सभी कांग्रेस नेताओं और मंत्रियों का माला पहनाकर स्वागत किया। करतारपुर में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को बड़ा भाई बताने पर भाजपा नवजोत सिंह सिद्धू पर हमलावर हो गई।
हालांकि बाद में करतारपुर साहिब से लौटने के बाद सिद्धू ने भाजपा की आलोचनाओं को खारिज कर दिया। सिद्धू ने गुरदासपुर में सीमा चौकी पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि बीजेपी जो मर्जी कहे, मुझे क्या करना। उनको जो आरोप लगाने हैं लगाने दें।
बाद में पंजाब के खेल मंत्री परगट सिंह ने सिद्धू का बचाव किया। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। अभी कुछ दिन पहले हमने पाकिस्तान के साथ एक क्रिकेट मैच खेला था। हम खेल संबंधों को विकसित करने का भी प्रयास करते हैं ताकि इस तरह की कड़वाहट न बढ़े । उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा है कि भाजपा इसे किस तरह से देखती है। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण हिस्सा है।
परगट सिंह के हवाले से जारी बयान में यह भी कहा गया कि करतारपुर साहिब की भूमि गुरु नानक देव के आपसी प्रेम और सद्भाव का संदेश देती है, लेकिन दुख की बात है कि भाजपा यहां भी घिनौना राजनीतिक खेल खेलने से नहीं कतरा रही है। परगट सिंह भी करतारपुर जाने जत्थे का हिस्सा थे। (भाषा इनपुट्स के साथ)
