यूपी के बलिया से बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने रविवार को कहा लोग पारंपरिक धोती-कुर्ता की जगह कोट और जैकेट पहन रहे हैं। इससे पता चलता है कि देश में मंदी नहीं है। मंदी को लेकर देश में और विदेश में चर्चाएं हो रही हैं। यदि मंदी होती तो यहां पर हम लोगों को कोट और जैकेट नहीं, बल्कि धोती-कुर्ता पहन कर आना चाहिए था। लोगों को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि यदि मंदी होती तो हम कपड़े, पैंट और पैजामा नहीं खरीदते।
उन्होंने कहा कि भारत मेट्रोपोलिटन शहरों का नहीं, बल्कि गांवों का देश है। कहा, “मैं आपको बताना चाहता हूं कि भारत में 6.5 लाख गांव हैं, केवल दिल्ली, मुंबई और हैदराबाद शहर नहीं हैं। महात्मा गांधी, डॉ. हेडगेवार, श्यामा प्रसाद मुखर्जी और जय प्रकाश नारायण ने गांव के लोगों में भरोसा जताया था और देश को आजादी दिलाने में मदद की।” कहा कि हमारी संस्कृति गांवों में रहने और विकास करने की रही है।
इससे पहले कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने 13 जनवरी को बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से अव्यवस्थित करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि देश की अर्थव्यवस्था पर मोदी सरकार की विफलता से बड़ी संख्या में लोगों के सामने जीविका का संकट खड़ा होता जा रहा है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार की लापरवाही और अर्थव्यवस्था को लेकर कोई गंभीर नीति नहीं होने से बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है।
13 जनवरी को जारी किए गए सरकारी आंकड़े बताते हैं कि खुदरा मूल्य वृद्धि दिसंबर 2019 को 7.35 फीसदी पहुंच गई। जो इसके पहले महीने के 5.54 से अधिक है। इसको लेकर विपक्षी दल सरकार के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले हुए हैं। हालांकि सरकार का कहना है कि मंदी विपक्ष के विरोध का एक बहाना है। देश में थोड़ी बहुत दिक्कतें हैं, जो जल्द ही दूर हो जाएंगी।