बीजेपी के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने गुरुवार को उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत के पाकिस्तान के सेना प्रमुख को “भाई” कहने पर कड़ी निंदा की। इसके जवाब में कांग्रेस नेता ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें भाजपा नेता से राष्ट्रवाद पर व्याख्यान की जरूरत नहीं है। रावत ने हाल ही में एक ट्वीट में अपनी पार्टी की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के इस्लामाबाद में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को गले लगाने के कृत्य को सही ठहराया था। उन्होंने पूछा था कि एक पंजाबी “भरा” (भाई) का दूसरे पंजाबी भाई को गले लगाना कैसे देशद्रोह का कार्य हो सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी के नवाज शरीफ के जन्मदिन पर बिन बुलाए जाने और उन्हें गले लगाने में कुछ भी गलत नहीं है तो सिद्धू का बाजवा को गले लगाना देशद्रोह कैसे हो सकता है। इस पर आपत्ति जताते हुए बलूनी ने कहा कि यह “दुर्भाग्यपूर्ण और आहत करने वाला” है कि रावत ने इस शब्द का इस्तेमाल उस व्यक्ति के लिए किया था “जिसके हाथ भारत के बहादुर सैनिकों के खून में डूबे हुए हैं।”
उन्होंने पूछा, ‘यह किस तरह की तुष्टिकरण की राजनीति है। भाजपा सांसद ने सिद्धू की तारीफ करने के लिए भी रावत पर निशाना साधा। बलूनी ने कहा, “यह अधिक चौंकाने वाला है क्योंकि यह एक ऐसे व्यक्ति का बयान है जो देवभूमि से संबंधित है, जहां हर परिवार में सशस्त्र बलों में कोई न कोई है।” उन्होंने हाल ही में पद से इस्तीफा देने वाले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री की एक टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा, “वह सिद्धू की प्रशंसा कैसे कर सकते हैं, जिन्हें उनके ही पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है।”
उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी के लिए विधानसभा चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख रावत ने कहा कि वह अपने भाजपा मित्रों से राष्ट्रवाद और शहादत पर व्याख्यान नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों में उनके रिश्तेदार जवान से लेकर ब्रिगेडियर तक हैं। रावत ने कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि उनके दामाद ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहादत हासिल की।
उन्होंने यह भी कहा, “बलूनी को मुझे हमारी महान सैन्य परंपराओं की याद दिलाने की जरूरत नहीं है।” बाजवा को पंजाबी “भाई” के रूप में बताने पर उन्होंने कहा कि भारत के पंजाब का एक हिस्सा जो अब पाकिस्तान में है, उसे भी पंजाब ही कहा जाता है।