कोरोना के बीच में महाराष्ट्र में मंदिर खोलने की ज़िद पर भाजपा अड़ गई है और टीवी चैनलों की डिबेट में भाजपा प्रवक्ता भी उद्धव ठाकरे को घेरने का मौका को छोड़ नहीं रहे है। हाल ही में एक टीवी चैनल की डिबेट में एंकर ने भाजपा प्रवक्ता के के शर्मा से सवाल पूछा कि इस कोविड महामारी के बीच में आप महाराष्ट्र में मंदिर खुलवाने की जिद कर रहे है, और फिर मंदिर के बहाने इसे हिंदुत्व और सेक्युलर की लड़ाई बना रहे है?

एंकर के सवाल का जवाब देते हुए के के शर्मा ने उद्धव ठाकरे सरकार को घेरने की कोशिश की और उनपर दोगलापन का आरोप लगाते हुए बोले- ” ऐसा है कि ये दोगलापन क्यों है? जब हम कहते है कि महाराष्ट्र में कोरोना बढ़ गया है तब तो उद्धव ठाकरे कहते है कि नहीं नहीं यहां से ज़्यादा कोरोना आपके दिल्ली और यूपी में है। तब तो आप राज्यों की आपस में तुलना करने लगते है और दूसरी बात की आप बार,मॉल, यात्रा सब खोलेंगे तो कोरोना नहीं बढ़ेगा लेकिन अगर आप मंदिर खोलेंगे तो कोरोना बढ़ जाएगा।”

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए के के शर्मा ने केंद्र के दिशानिर्देश और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का भी जिक्र किया और बोले-” जब 8 जून को ही धार्मिक स्थलों को खोलने के दिशानिर्देश भारत सरकार द्वारा दे दिए गए है और जब सुप्रीम कोर्ट भी मंदिर खोलने की बात पर टिप्पणी कर चुका है फिर भी इन्हें अब कोरोना दिख रहा है।

वहीं, अभी 3 महीने पहले ये शिवसेना, एनसीपी और इनके दल वाले कह रहे थे कि भाई बीमारी के मामलें में हमारा ही महाराष्ट्र सुरक्षित है।” के के शर्मा का यह जवाब सुन एंकर ने उनसे पूछा कि आपको क्या लगता है कि उद्धव ठाकरे यह जानबूझकर कर रहे है और अगर कर रहे है तो क्यों कर रहे है?

मंदिर ना खोले जाने की बात को के के शर्मा ने एक साजिश बताया और कहा कि उद्धव ठाकरे ऐसा सोच समझकर कर रहे है क्योंकि वो लोगों की धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाना चाहते हैं और इन्हें अब साधु संतों से कोई मतलब नहीं है,धर्म से कोई मतलब नहीं है। बस अब ये तथाकथित सेक्युलर बन गए है और बात कुछ भी नहीं है , नहीं तो आप बता दीजिए कि मॉल,यात्रा और बार खोल देने के बाद भी इन्होंने अभी तक मंदिर क्यों नहीं खोले है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी मंदिर खोलने की मांग रखकर प्रदर्शन कर रही हैं।मुम्बई में भाजपा कार्यकर्ताओं ने अक्टूबर 13 की सुबह जमकर प्रदर्शन किया वहीं शिरडी में साधु संत भी मंदिर खोलने की मांग की लेकर अनशन पर बैठ गए है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की चिट्ठी लिखकर मंदिर खोलने की मांग की है।