दिल्ली दंगों के आरोपी रहे भाजपा नेता कपिल मिश्रा का कहना है कि जब आप कहा है हिंदू, मुस्लिम जिहादी को मारेगा तो हम उसके साथ रहेंगे। कहा कि अगर किसी को लगता है कि ध्रुवीकरण की राजनीति से भाजपा को फायदा हो रहा है तो मत लगाओ भारत तोड़ने के नारे, मत बोलो अफजल जिंदा के नारे, मत बोलो ऐसी बातें। कहा भारत तेरे टुकड़े के नारे लगाने बन्द कर दो, विवाद सीएए से था तो उसी की बात बोलते, भारत को तोड़ने की बातें क्यों करने लगे।
उन्होंने कहा कि कल कोई आतंकवादी आकर देश पर हमला कर दे तो आप उसे मासूम हेडमास्टर का बेटा बताओगे तो हम चुप नहीं रहेंगे। कहा कि हम कोई ध्रूवीकरण की बात नहीं करते हैं। आप ऐसे नारे लगाते हैं तो हम विरोध करते हैं।
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने अपने ऊपर दंगों के भड़काने के आरोप को सिरे से नकारते हुए कहा कि यह सब सिर्फ प्रोपेगंडा है। कहा कि हमारे जिस भाषण के बाद दंगे फैलने के आरोप लगाए जा रहे हैं उसके तीन महीने पहले ही दिल्ली में दंगा शुरू हो चुका था। बीबीसी से बात करते हुए उन्होंने सभी आरोपों को गलत बताया।
The Wire's @AjoyAshirwad & @IsmatAraa asked BJP's Kapil Mishra why he clapped when Hindutva extremist Yati Narsinghanand advocated killing Muslims.
First, he denied being there. Then, said he must learn Yati's 'reasons' & 'feelings' behind this incitement before condemning it! pic.twitter.com/0DfXhYKnHf
— Siddharth (@svaradarajan) February 24, 2021
जब उनको उनके इस बयान “डीसीपी साहब ट्रंप के जाने के बाद आप जाफराबाद और चांदबाग खाली करा लीजिए, ऐसी आपसे विनती है, उसके बाद हम किसी की नहीं सुनेंगे।” की याद दिलाई गई और पूछा गया कि क्यों न आपके बयान को उत्तेजित करने वाला माना जाए?
बीते साल 23 फ़रवरी से 26 फ़रवरी के बीच दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाके में धार्मिक हिंसा भड़क गयी थी। इस हिंसा में करीब 53 लोगों की मौत हो गयी थी। इन दंगों को भड़काने का आरोप भाजपा नेता कपिल मिश्रा पर लगा था। दंगों में मारे गए लोगों को लेकर जब
कपिल मिश्रा से यह पूछा गया कि आपने कितने मुस्लिमों के लिए काम किया तो उन्होंने कहा कि हाँ मैं एक धर्म के लोगों के लिए काम करता हूं। आगे भी करता रहूंगा।

