अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 341 किमी लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। इस एक्सप्रेसवे को लेकर समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच खींचतान जारी है। दोनों दलों का दावा है कि इसे उनकी पार्टी ने शुरू कराया था। यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले एक्सप्रेसवे के मुद्दे पर दोनों दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
टीवी चैनल आजतक पर एंकर चित्रा त्रिपाठी के साथ डिबेट के दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि “सपा सरकार में लखनऊ से आगरा एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के एक महीने के अंदर जमीन धंस गई।” उन्होंने एक तस्वीर दिखाई, जिसमें एक गाड़ी बीस फिट नीचे फंसी हुई दिख रही थी। उनका कहना था कि “पता नहीं कि उसमें अखिलेश यादव जी थे या नहीं थे, बड़ी मुश्किल से बचाया गया।”
कहा कि “आपको मालूम है कि टेंडर निकालने के लिए 90 फीसदी भूमि आपके पास होनी चाहिए। समाजवादी पार्टी ने 25 फीसदी भूमि अधिग्रहण कर ली, क्योंकि इन्हें पता था कि चुनाव में ये नहीं जीतेंगे, लेकिन कांग्रेस के साथ लगी कमीशनखोरी की आदत के चलते इन्होंने जबरन टेंडर निकाल दिया।”
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में 15 साल सपा और बसपा की सरकारे रहीं। कुल एक्सप्रेसवे 467 किमी बना और पांच साल में भारतीय जनता पार्टी ने 641 किमी एक्सप्रेसवे बना दिया।
इनके जवाब में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने कहा कि झूठ बोलना भाजपा प्रवक्ताओं की आदत बन गई है। कहा कि “ये कह रहे हैं कि 25 फीसदी भूमि सपा सरकार ने अधिग्रहीत की थी। इसका मतलब है कि यह एक्सप्रेसवे सपा सरकार ने शुरू कराई थी। यही तो हम कह रहे हैं कि यह विजन हमारा था, यह सपना हमारा था, यह योजना हमारी थी। इसका नाम हमने समाजवादी एक्सप्रेसवे दिया था। यह हमने शुरू कराई थी, यही हम कह रहे हैं।”
राजकुमार भाटी ने कहा, “हम जो कर रहे थे, उसकी गुणवत्ता इन्होंने घटा दी। उसमें सर्विस रोड पूरी नहीं है। कोई पेट्रोल पंप नहीं है। उसमें कोई जनसुविधा नहीं है। अखिलेश जी ने जो आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे बनाया उसमें बीच में जितने भी पुल और पुलिया पड़ेंगे, सब 8 लेन के हैं। ताकि भविष्य में उसको बढ़ाना हो तो दिक्कत नहीं आए।”