इजरायली स्पाईवेयर पेगासस के जरिए जासूसी के मामले को लेकर पहले ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार चौतरफा आलोचना झेल रही है। पेगासस विवाद के कारण अभी तक बीता संसद का मानसून सत्र भी काफी हंगामेदार रहा है। विपक्षी दल पेगासस मामले में जांच की मांग कर रहे हैं। विपक्षी दलों के बाद भाजपा के सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पेगासस जासूसी विवाद में जांच की मांग की है और कहा है कि मामले का सार्वजनिक होना जरूरी है।

मीडिया से बात करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इस मामले में जरूर जांच होनी चाहिए। फोन टैपिंग की बात इतने समय से आ रही है। इस पर जरूर बात हो जानी चाहिए। आजकल तो कोई भी इन चीजों को कर सकता है इसलिए मेरी समझ से इसमें उचित कदम उठाया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि संसद में इस मामले को उठाया जा रहा है और मीडिया में भी ख़बरें आ रही हैं इसलिए इसपर पूरी तरह से जांच होनी चाहिए। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि उनके अनुसार इस मामले की जांच की जानी चाहिए ताकि सच्चाई बाहर निकल कर आ सके। किसी को भी परेशान करने के लिए इस तरह का काम नहीं होना चाहिए। साथ ही पेगासस विवाद को लेकर संसद में चल रहे गतिरोध को लेकर उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार की तरफ से जवाब दिया गया है, उसके बाद फिर क्या मामला है, इसके बारे में उन्हें पूरी जानकारी नहीं है।

बता दें कि फ्रांस की संस्था फॉरबिडन स्टोरीज और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मिलकर यह जांच की। जिसमें पता चला कि करीब 1500 से ज्यादा लोगों के फोन की निगरानी की गई। द वॉशिंगटन पोस्ट के स्तंभकार  जमाल खशोगी की हत्या में पेगासस स्पाइवेयर का भी नाम आया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इजरायली स्पाईवेयर के जरिए भारत में भी मंत्रियों, जजों, पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और व्यापारियों के फोन की निगरानी की गई।

अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पांच अगस्त को सुनवाई करने का निर्णय लिया है। एक याचिका दायर किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले में सुनवाई करने का निर्णय लिया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण की बेंच पांच अगस्त को इस मामले की सुनवाई करेगी। हालांकि अभी तक भारत सरकार ने पेगासस के जरिए निगरानी करने के आरोपों को खारिज किया है। केंद्र सरकार ने संसद में इससे इंकार करते हुए कहा था कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां निजता लोगों का मौलिक अधिकार है।