बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस ने बुधवार को पटना में हुई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद सहयोगी दल आरजेडी को साफ संदेश दे दिया है। राहुल गांधी ने बंद कमरे में कांग्रेस के नेताओं से कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे पर विचारधारा और कार्यकर्ताओं के स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

एक अहम बात यह कि बैठक के बाद जारी किए गए सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव में महागठबंधन का कहीं कोई जिक्र नहीं था। बैठक में कांग्रेस ने अति पिछड़ा वर्ग तक पहुंचने की भी कोशिश की।

बैठक के बाद महागठबंधन ने 10 सूत्रीय ‘अति पिछड़ा न्याय संकल्प’ जारी किया। इसमें अति पिछड़ा वर्ग के लिए कई वादे किए गए। इनमें से एक नया और सबसे बड़ा वादा ईबीसी अत्याचार निवारण एक्ट लाना है और यह एससी-एसटी एक्ट की तर्ज पर होगा। इसके अलावा पंचायत और नगर निकाय के चुनावों में ईबीसी समुदाय के लिए आरक्षण 20% से बढ़कर 30% करने सहित तमाम वादे किए गए हैं।

राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार के 25 जिलों में वोटर अधिकार यात्रा निकाली थी।

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‘खराब’ सीटें नहीं दी जाएं

कांग्रेस ने हाल ही में कहा था कि सीट बंटवारे के दौरान कांग्रेस को कठिन या ‘खराब’ सीटें नहीं दी जानी चाहिए और महागठबंधन के सभी घटक दलों को अपने हिस्से में से नए राजनीतिक दलों को जगह देनी होगी।

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36% है ईबीसी समुदाय की आबादी

बिहार में ईबीसी समुदाय की आबादी 36% है। यह वर्ग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा समर्थक रहा है लेकिन महागठबंधन के मुताबिक नीतीश की सेहत और बदले राजनीतिक हालात में अब यह वर्ग पूरी तरह नीतीश के साथ नहीं है।

आरजेडी भी इस वर्ग को लुभा रही है। आरजेडी ने मंगनी लाल मंडल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। मंगनी लाल मंडल अति पिछड़ा वर्ग में आने वाले धानुक समुदाय से आते हैं। धानुक नोनिया, तेली और मल्लाह के साथ मिलकर बिहार में ईबीसी वर्ग का एक बड़ा हिस्सा है।

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