राजद नेता लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के बगावती तेवर थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बिहार विधानसभा की खाली सीटों पर हो रहे उपचुनाव में तेजप्रताप यादव राजद को हराने और कांग्रेस उम्मीदवार को जिताने के लिए प्रचार करेंगे। वहीं लंबे समय से बिहार की राजनीति से दूर लालू प्रसाद इस उपचुनाव में भी मैदान में नहीं उतरेंगे। इस चुनाव में राजद की कमान पूरी तरह से तेजस्वी के हाथों में ही है और वे दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। इसलिए वे जमकर जोर लगा रहे हैं।

राजद विधायक तेज प्रताप यादव ने तारापुर विधानसभा सीट पर राजद उम्मीदवार को अपना समर्थन दिया है लेकिन वे कुशेश्वरस्थान सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार अतिरेक कुमार का समर्थन करेंगे। जबकि राजद ने गणेश भारती को इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। वे कुशेश्वरस्थान सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार भी करेंगे। तेजप्रताप यादव ने अपने संगठन छात्र जनशक्ति परिषद की तरफ से इसको लेकर पत्र भी जारी किया है।

वहीं बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव 20 अक्टूबर को राजद उम्मीदवार गणेश भारती के पक्ष में प्रचार करने के लिए कुशेश्वरस्थान जाएंगे। जहां दोनों भाई कुशेश्वरस्थान सीट पर एक दूसरे के आमने सामने होंगे तो वहीं उनके पिता लालू प्रसाद यादव इस बार के उपचुनाव में प्रचार करने के लिए मैदान में नहीं उतरेंगे। कहा जा रहा है कि तेजप्रताप के बगावती तेवरों की वजह से लालू प्रसाद ने फ़िलहाल बिहार आने के निर्णय को टाल दिया है।

हालांकि राबड़ी देवी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से ही फिलहाल बिहार नहीं आ रहे हैं। बिहार आने का कार्यक्रम फिलहाल स्थगित होने के बाद राजद लालू प्रसाद का वर्चुअल तरीके से भाषण कराने और रिकार्डेड वीडियो के माध्यम से प्रचार करने विचार कर रहा है। पिछले दिनों राबड़ी देवी भी अपने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की नाराजगी को दूर करने दिल्ली से बिहार आईं थी। लेकिन राबड़ी देवी सुलह नहीं करा पाई और तेजप्रताप के तेवर वैसी ही तल्ख़ रहे हैं। नाराजगी दूर नहीं होने के बाद राबड़ी देवी दोबारा से दिल्ली वापस लौट गई।

इस समय राजद का पूरा दारोमदार बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर ही है। इसलिए तेजस्वी यादव भी दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। अपने सहयोगी दलों और अपने सगे भाई तेजप्रताप यादव के खिलाफ होने के बावजूद तेजस्वी इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक रहे हैं। शनिवार को दिल्ली से वापस लौटने के कुछ देर बाद ही तेजस्वी तारापुर चले गए। वे 19 तारीख तक वहां रहकर राजद उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे।