कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही पार्टी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा सोमवार को पश्चिम बंगाल से बिहार में प्रवेश कर गई। इस दौरान राहुल गांधी ने जेडीयू नेता नीतीश कुमार पर चुप्पी बनाए रखी। उन्होंने किशनगंज में एक सभा को संबोधित किया। इसमें अपने भाषण में उन्होंने राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना की मांग पर ही फोकस रखा। हालांकि सबको उम्मीद है कि वे विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए (I.N.D.I.A.) से अलग होकर कथित तौर पर धोखा देने के लिए नीतीश कुमार के खिलाफ मंगलवार को जरूर बोलेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष समेत दूसरे दलों के कई बड़े नेता भी होंगे शामिल
अब सब की निगाहें पूर्णिया में होने वाले महागठबंधन के आयोजन पर टिकी हैं, जहां विपक्षी दल को ताकत और एकता दिखाने की उम्मीद है। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सीपीआई (एमएल) नेता दीपांकर भट्टाचार्य तथा आरजेडी और वामपंथी के कई नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस रैली में शामिल होने की उम्मीद कम ही है।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- पूर्णिया रैली में एक लाख लोग आएंगे
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा, ”रैली शक्ति प्रदर्शन होगी। मैदान की क्षमता डेढ़ से दो लाख लोगों की है, लेकिन हमें कल बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है। हम घर-घर गए और लोगों को इस रैली में शामिल होने के लिए आमंत्रित किए, और वे हमसे आने जाने के लिए वाहन उपलब्ध कराने के लिए कह रहे हैं, ताकि वे भाग ले सकें।
आरजेडी नेता लालू यादव के नहीं आने पर पार्टी के प्रतिनिधि पहुंचेंगे
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि रैली में राजद प्रमुख लालू प्रसाद या उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव मौजूद रहेंगे या नहीं। सिंह ने कहा, ”लालू जी से मेरी बात हुई। उन्होंने और तेजस्वी ने रैली में शामिल होने की उत्सुकता जताई। दोनों के पास ईडी और सीबीआई के नोटिस हैं, हालांकि लालू जी ने समय मिलने पर अपने बेटे के साथ उपस्थित होने का वादा किया है। अगर वह नहीं आते हैं तो उनकी पार्टी का कोई प्रतिनिधि जरूर भेजेंगे।”
सोमवार को जब यह यात्रा सुबह करीब 11 बजे किशनगंज पहुंची तो रास्ते में बड़ी संख्या में लोगों ने पार्टी के बड़े-बड़े झंडों और फूलों के साथ स्वागत किया, जो राहुल की एक झलक पाने के लिए उत्सुक थे। जैसे ही यात्रा बस रैली मैदान की ओर बढ़ी, कई लोगों ने उनके समर्थन में नारे लगाते हुए अपने सेल फोन से बस में राहुल की तस्वीरें खींचीं। राहुल सीमावर्ती शहर के अशफाकुल्लाह स्टेडियम में बैठक को संबोधित करने के लिए आगे बढ़े, जहां बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने प्रतीकात्मक रूप से बिहार पार्टी इकाई के प्रमुख अखिलेश सिंह को यात्रा का झंडा सौंपा।
मणिपुर से अपनी यात्रा की शुरुआत पर बोलते हुए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए राहुल ने कहा, “मणिपुर जल रहा है। लोग मारे गए, उनके घर जला दिए गए, लेकिन हमारे पीएम आज तक मणिपुर नहीं गए। हमारे देश में यही स्थिति है।” इसके बाद उन्होंने राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना के लिए जोरदार वकालत की और इसे अपने न्याय विषय में पिरोया। उन्होंने कहा, ”सामाजिक न्याय” को बिहार से बेहतर कोई नहीं समझता। इस देश को पता होना चाहिए कि कितने ओबीसी, एससी या एसटी लोग हैं, जिनके लिए जातीय जनगणना जरूरी है. इससे प्रत्येक समूह को यह पता चलेगा कि वे किस योग्य हैं।”
अररिया के चांदनी चौक में दिन के अंत में अपनी दूसरी रैली में राहुल ने मांग दोहराते हुए कहा, “सामाजिक न्याय का पहला कदम जाति जनगणना है। हमें पहले यह जानना होगा कि वहां कितनी पिछड़ी जातियां, आदिवासी और दलित हैं। वह वास्तव में देश का एक्स-रे है। तभी लोगों को पता चलेगा कि उनके अधिकार क्या हैं। कांग्रेस यही करने का वादा करती है।”