बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन के धुर विरोधी यशवंत सिन्हा को टीएमसी ने पार्टी उपाध्यक्ष बनाया है। यशवंत सिन्हा हाल ही में टीएमसी में शामिल हुए थे। कुछ साल पहले उन्होंने पटना में एक कार्यक्रम के दौरान अपने आप को बीजेपी से अलग कर लिया था। सिन्हा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी निभा चुके हैं।

टीएमसी में शामिल होने के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर जमकर हमला बोला था, उन्होने कहा था कि अटल बिहारी वाजपेयी के समय भाजपा सर्वसम्मती में विश्वास रखती थी लेकिन आज की भाजपा कुचलने और जीतने में विश्वास करती है। देश अजीब परिस्थिति से गुजर रहा है, हमारे मूल्य और सिद्धांत खतरे में हैं।’’ उन्होंने कहा था ‘‘लोकतंत्र की मजबूती संस्थाओ में निहित है और सभी संस्थाओं को व्यवस्थागत तरीके से कमजोर किया जा रहा है।’’ सिन्हा  ने भाजपा के खिलाफ लड़ाई में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन करने की शपथ ली थी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पीएम मोदी और अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ये चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने कहा था कि आज के समय में न्यायपालिका समेत कई लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर हो गयी है।

यशवंत सिन्हा ने वर्ष 1990 में चंद्रशेखर की सरकार में वित्तमंत्री की जिम्मेदारी निभाई थी और इसके बाद वाजपेयी मंत्रिमंडल भी उन्हें इस मंत्रालय का कार्यभार मिला। उन्होंने वाजपेयी सरकार में विदेशमंत्री की भी जिम्मेदारी निभाई थी।

यशवंत सिन्हा 1996 से 2014 के दौरान 4 बार झारखंड के हजारीबाग लोकसभा सीट से सांसद हुए। 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद उन्हें केंद्र सरकार में जगह नहीं मिली थी। उनके पुत्र जयंत सिन्हा वित्त राज्यमंत्री बनाए गए थे।जयंत सिन्हा झारखंड के हजारीबाग से भाजपा के लोकसभा सदस्य हैं।