कमलदीप सिंह बरार

Seema Haider: पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर (Seema Haider) इस वक्त मीडिया की सुर्खियां बनी हुई है। सीमा कथित तौर पर अपने प्रेमी सचिन मीणा के साथ रहने के लिए सरहद पार कर भारत आई है। सीमा हैदर के चार बच्चे हैं। उनको भी वो साथ लाई है। सीमा ने नेपाल के रास्ते अवैध तरीके से भारत में प्रवेश किया है। 27 साल की सीमा को गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने 4 जुलाई को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। सीमा हैदर को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं और यूपी एटीएस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।

2015 में चंदा खान आई थी भारत

हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब कोई पाकिस्तानी महिला भारत में अवैध तरीके से घुसने में कामयाब हुई हो। 2015 में पाकिस्तानी महिला चंदा खान सबसे अधिक जांच की जाने वाली समझौता एक्सप्रेस से भारत आई थी। भारत में उसने 100 किलोमीटर से अधिक की यात्रा की थी। चंदा खान उर्फ फौजिया ने समझौता एक्सप्रेस से अटारी सीमा पार की थी। उसने गिरफ्तार होने से पहले बिना किसी टिकट या पासपोर्ट के पंजाब के जालंधर तक यात्रा की थी।

सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, अपनी गिरफ्तारी के बाद चंदा खान ने दावा किया कि वह ‘दरगाहों’ का दौरा करने और अभिनेता सलमान खान और शाहरुख खान से मिलने के लिए भारत आई थी। चंदा खान पंजाबी, उर्दू और हिंदी बोलने में माहिर थी। वो खुद को कराची होने का दावा करती थी।चंदा खान ने उस वक्त 27 साल अपनी उम्र बताई थी। वो 30 जुलाई 2015 को पाकिस्तान के वाघा स्टेशन से ट्रेन में चढ़ी थीं। उनके पास एक बैग था जिसमें दवाएं और कुछ पाकिस्तानी मुद्रा थी, लेकिन कोई पासपोर्ट या वीजा नहीं था।

गुरदासपुर हमले के बाद पहली समझौता एक्सप्रेस में आई थी चंदा

बता दें कि चंदा जिस समझौता एक्सप्रेस में सवार होकर भारत आई थी, वो गुरदासपुर में हमले के बाद पाकिस्तान से आने वाली पहली ट्रेन थी। 27 जुलाई, 2015 को पंजाब के गुरदासपुर जिले के दीनानगर पुलिस स्टेशन पर आतंकवादी हमला हुआ था। इस हमले में चार नागरिकों और तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी। मुठभेड़ में तीन आतंकी भी मारे गए। इस आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पैदा कर दिया था।

समझौता एक्सप्रेस में सवार होकर चंदा खान अटारी पहुंची। यहां सभी यात्रियों को दिल्ली की ओर जाने से पहले कस्टम और इमिग्रेशन क्लीयरेंस से गुजरना पड़ता है। हालांकि, चंदा खान किसी तरह सभी औपचारिकताओं को छोड़कर ट्रेन में अपनी यात्रा जारी रखने में सफल रहीं। ट्रेन के जालंधर पहुंचने पर ही वह जांच के दायरे में आई। अधिकारियों ने कभी यह नहीं बताया कि वह अटारी स्टेशन पर चेक छोड़ने में कैसे कामयाब रही।

जालंधर पर ट्रेन रुकवाकर उतारा गया

जब चंदा खान टिकट, पासपोर्ट या कोई अन्य संबंधित दस्तावेज नहीं दिखा सकी तो उसे रात करीब 10 बजे जालंधर स्टेशन पर उतार दिया गया। रेलवे सुरक्षा बल ने उसे जालंधर में उतारने के लिए फिरोजपुर डिवीजन से विशेष स्टॉपेज की मांग की थी, जहां से उसे रेलवे पुलिस ने गिरफ्तार कर किया था। बता दें, समझौता एक्सप्रेस का जालंधर में कोई स्टॉप नहीं था।

उसकी गिरफ्तारी के तुरंत बाद पाकिस्तान हाई कमीशन ने चंदा खान के बारे में जानकारी लेने के लिए विदेश मंत्रालय से संपर्क किया था। हिरासत में महिलाओं के लिए किसी अलग बैरक न होने के चलते चंदा खान को पुलिस रिमांड के दौरान अमृतसर रेलवे स्टेशन के एक वायरलेस कमरे में रखा गया था। जांच पूरी होने के बाद चंदा खान को दो साल कैद की सजा सुनाई गई थी। सजा पूरी करने के बाद 2018 में उसे वापस पाकिस्तान भेज दिया गया था।

मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील नवजोत कौर चब्बा, जो अमृतसर में पाकिस्तानी कैदियों के मामले को देखती हैं। उन्होंने बताया कि चंदा को सजा सुनाई गई थी। सजा पूरी होने के बाद उसको 2018 में अटारी-वाघा रोड लिंक के माध्यम से पाकिस्तान वापस भेज दिया गया था।