देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर के नाम आज एक और कीर्तिमान स्थापित हो गया है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीपीपी मॉडल पर बने एशिया के सबसे बड़े बायो सीएनजी प्लांट (Bio -CNG Plant) कर शुभारंभ किया। प्लांट का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वर्चुअल संबोधन में कहा कि “आने वाले 2 सालों में हम देश के 75 बड़े नगर निगमों में ऐसे बायो सीएनजी प्लांट लगाने के लिए कार्य कर रहे हैं। यह अभियान भारत के शहरों को स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करेगा।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि इंदौर में इस गोबर घन प्लांट के बनने से बेसहारा मवेशियों से होने वाली परेशानी में भी कमी आएगी। इस दौरान उन्होंने सरकार की गोबर धन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि गोवर्धन योजना यानी कचरे से ‘कंचन’ बनाने के अभियान का असर हो रहा है। कचरे और गोबर से गैस बनेगी। लोगों की आय में भी इजाफा होगा। इस प्लांट से सीएनजी के साथ-साथ हर दिन 100 टन जैविक खाद भी निकलेगी।

150 करोड़ की लागत से बना बायो सीएनजी प्लांट

एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट 15 एकड़ में फैला है जिसकी लागत 150 करोड़ रुपए आई है। इस बायो सीएनजी प्लांट से रोजाना 400 बसें और 1000 सीएनजी गाड़ियों को चलाने की योजना है। इस प्लांट की सबसे बड़ी खासियत है कि घरों से निकलने वाले गीले कचरे और मवेशियों से मिलने वाले गोबर से गैस का उत्पादन किया जाएगा। इससे एक तरफ कचरे को गैस में बदलने से स्वच्छता बढ़ेगी और दूसरी तरफ गोधन रखने वालों व्यक्तियों को भी आर्थिक रूप से लाभ होगा।

सरकार खरीदेगी की ₹5 किलो गोबर: इस बड़े बायो सीएनजी प्लांट को चलाने के लिए हर दिन बड़ी मात्रा में कचरा और गोबर की आवश्यकता होगी। जिसके लिए सरकार आस-पास के गांव से 5 रुपए प्रति किलो गोबर खरीदगी। जिससे इंदौर शहर के साथ आस-पास के गांव में रहने वाले पशुपालकों की आय में इजाफा होगा। बता दें, प्लांट की कुल क्षमता 550 मीट्रिक टन की है। यह बायोगैस संयंत्र 96% शुद्ध मिथेन गैस के साथ सीएनजी का उत्पादन करेगा।