सोशल मीडया पर इस समय बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें ममता बनर्जी जैसे-तैसे तोड़-तोड़ कर एक सरकारी वेबसाइट का लिंक पढ़ रही हैं। ममता बनर्जी के इस वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
अश्वत्थामा (@_Ashwatthama_) नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा कि ममता “Undigital India”अभियान के लिए प्रचार करेंगी अगर वे देश की पीएम बनती हैं तो। शिशुपाल (@shishup07385529) नाम के यूजर ने कहा, हंसे नहीं। वे पढ़े लिखे सुसंस्कृत बंगालियों की पहली पसंद हैं। द डस्ट स्टॉर्म (@duststorm_1) ने लिखा, पक्का कोलोन (:) को समझ नहीं पा रही होंगी कि क्या कहना है।
गौरतलब है कि केंद्र द्वारा फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर के आयोजन पर पश्चिम बंगाल सरकार से रिपोर्ट तलब करने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार का इससे कोई सबंध नहीं है और कहा कि कहीं उन शिविरों का आयोजन करने में भाजपा का हाथ तो नहीं। ममता बनर्जी ने आरोप लगया कि पश्चिम बंगाल को बदनाम करने के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार कुछ एजेंसियों का इस्तेमाल राई का पहाड़ बनाने के लिए कर रही है।
— मोगू (@9_t_8) July 1, 2021
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से कोलकाता के कुछ इलाकों में कथित तौर पर गैर कानूनी तरीके से कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित करने के मामले की जांच कर अगले दो दिनों में रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी द्वारा मामले पर ध्यान आकर्षित कराए जाने के बाद पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव कृष्ण द्विवेदी को 29 जून को पत्र लिखकर मामले में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ संदिग्ध टीकाकरण शिविर लगाने का एक मामला है।पश्चिम बंगाल सरकार का उनसे कोई संबंध नहीं है। हमने शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई शुरू की।’’
कई लोगों को कोलकाता में संदिग्ध टीकाकरण शिविर आयोजित करने और फर्जी टीके की खुराक देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है जिनमें खुद को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अधिकारी बताने वाला सरगना भी शामिल है।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उनकी सरकार को भेजे पत्र का हवाला देते हुए बनर्जी ने दावा किया कि इस तरह का पत्र तब नहीं भेजा गया जब गुजरात में भाजपा के कार्यालय में टीके की खुराक दी गई। उन्होंने कहा,‘‘ गुजरात में टीके की खुराक भाजपा के कार्यालय में दी गई। उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कितने पत्र भेजे गए? कितनी जांच की गई? जब राज्य अच्छा कर रहा है तो वे उसमें रोड़े अटका रहे हैं।’’