दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार की ओर से मीडिया पर रोक लगाने की अब हर तरफ आलोचना हो रही है। दिल्ली सरकार ने छह मई को एक परिपत्र जारी कर आप सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ खबरें देने वाले मीडिया संस्थानों और मीडियाकर्मियों के खिलाफ मामला चलाने का आदेश दिया था। दिल्ली सरकार के इस सर्कुलर पर निशाना साधते हुए कांग्रेस और भाजपा ने केजरीवाल पर ‘पाखंडी’ और ‘अलोकतांत्रिक’ बताया है। वहीं एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया ने दिल्ली सरकार से इस परिपत्र को वापस लेने की मांग की है।
एडिटर्स गिल्ड आॅफ इंडिया ने मानहानिकारक खबरों को लेकर दिल्ली सरकार द्वारा जारी विवादास्पद सर्कुलर को मीडिया को चुप कराने का भोंडा प्रयास बताया है। गिल्ड ने इस परिपत्र को तत्काल वापस लेने की मांग की है। गिल्ड ने कहा कि वह इस परिपत्र से स्तब्ध है, यह असहिष्णुता को सरकारी नीति के रूप में अमलीजामा पहनाना है।
गिल्ड ने रविवार को जारी एक बयान में कहा,‘ऐसे वक्त में जब जन प्रशासन में ज्यादा पारदर्शिता और खुलेपन का रुझान है, सरकारी कामकाज करने वाले अधिकारियों की मीडिया आलोचना को चुप कराने का यह भोंडा प्रयास निंदनीय है।’ उसने कहा कि यह बड़ा विचित्र है कि मुख्यमंत्री और एक पार्टी जो लोकप्रिय लोकतांत्रिक मंच पर सवार होकर सत्ता में पहुंची, वहां मीडिया पर मुकदमे के आदेश से कठघरे में आप सरकार
पहुंचने के बाद वे असहिष्णु हो जाएं। गिल्ड ने यह भी कहा,‘यह और भी विडंबनापूर्ण है कि केजरीवाल, जिन्होंने अपने खिलाफ भादंसं के मानहानि प्रावधान को लगाए जाने पर, उसकी संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, अपनी सरकार को मीडिया के खिलाफ इन्हीं प्रावधानों का इस्तेमाल करने का निर्देश दें।’ गिल्ड ने केजरीवाल और दिल्ली सरकार से इस परिपत्र को वापस लेने की अपील की है।
इस परिपत्र की आलोचना करते हुए भाजपा ने कहा है कि एक तरफ जहां केजरीवाल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करते हैं, वहीं वो सबका गला घोंटना चाहते हैं। भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि वह अनियंत्रित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता चाहते हैं। लेकिन अन्य सभी का गला घोंटना चाहते हैं। यह पाखंड की पराकाष्ठा है।
वहीं दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि यह विचित्र है कि केजरीवाल चुनाव से पहले जो भी बोला करते थे उसके विपरीत हर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। माकन ने कहा कि जैसे ही केजरीवाल की पार्टी सत्ता में आई उन्होंने सचिवालय में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी। उन्हें मीडिया से समस्या नहीं होनी चाहिए थी क्योंकि उनकी पार्टी मीडिया की मदद से सत्ता में आई।
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता पीसी चाको ने कहा कि कई मुद्दों पर आप सरकार का पर्दाफाश हो रहा है। आप सरकार पहले ही दिन से सरकार की तरह काम नहीं कर रही है क्योंकि आंतरिक कलह ने इसके कामकाज को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को आलोचना को सुनने के लिए पर्याप्त धैर्य रखना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह आदेश मुख्यमंत्री के अलोकतांत्रिक रवैये को दर्शाता है।
दिल्ली सरकार के सूचना और प्रचार विभाग के निदेशालय की ओर से जारी परिपत्र में सभी अधिकारियों से कहा गया है कि अगर उन्हें पता चलता है कि किसी समाचार से मुख्यमंत्री या सरकार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचता है, तो वे प्रधान सचिव (गृह) के पास इसकी शिकायत दर्ज कराएं जिससे संबंधित मीडिया संस्थान और मीडियाकर्मी के खिलाफ आगे की कार्रवाई शुरू की जा सके।