दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल मंगलवार (23 मई, 2023) को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे। इस बीच चर्चाएं होने लगी हैं कि बैठक में गैर-कांग्रेसी विपक्षी एकता पर भी बात हो सकती है। बैठक को इस दिशा में शुरुआती कदम माना जा रहा है।

द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस के अदंर के कुछ लोगों ने कहा कि यह मीटिंग विपक्षी एकजुटता के नए फॉर्मुले में मदद करेगी, ताकि क्षेत्रीय दल एकसाथ मिलकर मजबूत हों और 2024 चुनाव से पहले कांग्रेस के सामने अपनी शर्तें रख सकें। दिल्ली सरकार के अधिकारियों के तबादलों और नियुक्तियों को लेकर केंद्र एक अध्यादेश लेकर आई है, जिसे विफल करने के लिए अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों से समर्थन मांग रहे हैं। इसी सिलसिले में वह ममता बनर्जी से मिलने वाले हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि कांग्रेस को गठबंधन सहयोगी की भूमिका निभानी चाहिए क्योंकि राष्ट्रीय राजनीति में उसका भाजपा के खिलाफ रुख अपना रुख है। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि वे हमारे खिलाफ लड़ेंगे। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए…ममता बनर्जी और केजरीवाल के बीच मंगलवार की बैठक विपक्षी एकता का एक नया फॉर्मूला बनाने में मदद कर सकती है।”

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद ममता ने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस पार्टी जहां भी मजबूत होगी वह कांग्रेस को अपना समर्थन देगी। उन्होंने कहा, “जहां भी कांग्रेस 200 या उससे ज्यादा सीटों के साथ मजबूत है, वहां उसे लड़ने दें, हम उन्हें समर्थन करेंगे… लेकिन उन्हें भी अन्य राजनीतिक दलों का समर्थन करना होगा… अगर आप कुछ चाहते हैं तो आपको भी थोड़ा बलिदान करना होगा।” हालांकि, ममता कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंची थीं और अपनी जगह टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बेंगलुरु भेजा था।

उधर, 2024 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी दलों को लामबद्ध करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुखों से मुलाकात कर रहे हैं। इसके तहत नीतीश और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी रविवार को अरविंद केजरीवाल से मिले थे।