दिल्ली की आबादी बेहिसाब बढ़ती जा रही है। उसी हिसाब से सड़कों पर वाहनों की भीड़ बढ़ती जा रही है। लेकिन सड़कों पर चलने वाले वीआइपी लोग अपने लिए आसान रास्ता बनवाने का मोह नहीं छोड़ रहे हैं।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत सभी मंत्रियों ने अपने लिए सड़कों पर यातायात सिग्नल रोकने जैसे विशेष इंतजाम की मनाही कर दी। लेकिन उपराज्यपाल नजीब जंग के लिए आज भी स्वचलित सिग्नल प्रणाली को रोककर यातायात पुलिस के सिपाही उनके वाहन के लिए रास्ता बनाते हैं और अगले सिग्नल पर वैसी ही व्यवस्था करने के लिए वायलेस सेट से संदेश देते हैं।
हालांकि दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत इससे इनकार करते हैं। उनके मुताबिक, उप राज्यपाल के लिए कोई रूट (सड़क पर विशेष इंतजाम) नहीं लगता है। विभिन्न दलों के नेता वीआइपी के चलने से रास्ते को बंद करना सही नहीं मानते हैं। उनके मुताबिक, इससे कई बार जरूरतमंद लोगों को काफी परेशानी होती है।कई बार तो इसमें जान भी चली गई है।
दिल्ली में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश समेत अनेक महत्त्वपूर्ण लोग रहते हैं। आए दिन विदेशी राज्यों के प्रमुख भी दौरे पर आते हैं। कुछ विशेष परिस्थितियों में तो कुछ समय के लिए रास्ता रोकना ठीक हो सकता है।
लेकिन आए दिन सड़कों पर चलने वाले उपराज्यपाल या किसी केंद्रीय मंत्री के लिए ऐसा करने से लोगों को भारी कठिनाई होती है। एक तो वैसे ही सड़कों पर वाहनों की रफ्तार वाहनों की भीड़ से कम हो गई है, ऊपर से अगर हर इलाके में किसी एक को रास्ता देने के लिए बाकी का रास्ता रोका जाए तो इसे कोई भी उचित नहीं मान सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने एंबुलेंस जैसी आपात सेवाओं के लिए रास्ता न रोके जाने और रोकने पर जुर्माना लगाने जैसे आदेश दिए हैं।
फिर भी दिल्ली के हर इलाके में एंबुलेंस भीड़ में फंसती दिखती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चतर सिंह का कहना है कि एक तो रास्ता तभी रोकना चाहिए , जब बेहद जरूरी हो। इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि इससे किसी जरूरतमंद को नुकसान न हो। भाजपा नेता जगदीश ममगाईं की राय में किसी भी हालत में किसी नेता के लिए रास्ता नहीं रोकना चाहिए। कई बार रास्ता रोके जाने में भारी हादसा हो चुका है।
दिल्ली के सड़कों के हालत ऐसे हैं कि जिस तरह केजरीवाल की टीम ने अपने लिए सिग्नल न रोकने के निर्देश दिए हैं, उसी तरह आगे बढ़कर दिल्ली के उपराज्यपाल को भी अपने लिए किसी विशेष इंतजाम की मनाही करनी चाहिए। इसका ज्यादा लाभ जरूरतमंदों और गरीबों को होगा क्योंकि पुलिस सबसे पहले ऐसी हालत में रिक्शावाले, ढेलेवाले, साइकिल सवार को ही रोकती है, जिनके लिए भी समय पर अपने मुकाम पर पहुंचना उतना ही जरूरी है जितना किसी वीआइपी को।