पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता अरुण जेटली का स्वास्थ्य फिलहाल स्थिर है। उन्हें नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में लाइफ सपोर्ट सिस्टम (एलएसएस) पर रखा गया है। नौ अगस्त, 2019 को सांस में तकलीफ और बेचैनी महसूस होने के बाद उन्हें यहां लाया गया था।
जेटली के वहां भर्ती होने के बाद रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी उनका हाल जानने एम्स पहुंचे थे। बता दें कि लाइफ सपोर्ट सिस्टम के जरिए किसी व्यक्ति के शरीर में कृत्रिम रुप से ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है। यह सिस्टम तब लगाया जाता है, जब मरीज के फेफड़े ठीक से काम नहीं करते।
जेटली ने ‘तीन तलाक’ विधेयक पर सरकार का दृष्टिकोण सार्वजनिक किया था। मोदी सरकार के वित्त विभाग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के साथ सरकार के प्रवक्ता और बीजेपी-एनडीए के पुरोधा की भूमिका निभाते हुए भी महंगी कलम, घड़ी और आलीशान कारों का उनका शौक कम नहीं हुआ। सरकार में प्रधानमंत्री के साथ रसूख के अधार पर देखें तो जेटली एक तरह से उसमें नंबर-2 के महत्वपूर्ण किरदार नजर आते थे।
सरकार की नीतियों और योजनाओं का बखान हो या विपक्ष की आलोचनाओं के तीर को काटने की जरूरत, हर मामले में जेटली आगे दिखते थे। जेटली ने 2019 के आम चुनाव को जिस तरह ‘स्थिरता और अराजकता’ के रूप में निरूपित कर BJP-NDA अभियान को एक कारगर हथियार दिया वह उनकी राजनीतिक समझ के पैनेपन का एक उदाहरण है।
जेटली को कुछ लोग मोदी के वास्तविक ‘चाणक्य’ और 2002 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी के कार्यकाल के शुरू में प्रदेश में दंगों के बाद उनके ‘संकट के साथी’ कहते हैं। जेटली की तरीफ में मोदी उन्हें‘बेशकीमती हीरा’ भी बता चुके हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ की राजनीति से मुख्यधारा की राजनीति में प्रवेश करने वाले जेटली पेशे से अधिवक्ता रहे हैं।
बीते माह जुलाई में पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपना 2, कृष्णा मेनन मार्ग स्थित सरकारी बंगला खाली किया था। तब भी उनकी सेहत ठीक नहीं थी। बता दें कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में नई मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले 29 मई को पूर्व वित्त मंत्री जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि वह स्वास्थ्य कारणों से नई सरकार में मंत्री नहीं बनना चाहते।
भाजपा सांसद ने अर्थव्यवस्था की सुस्ती के लिए पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, एम्स में पूर्व वित्त मंत्री जेटली का हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। इस बीच भाजपा सांसद ने कहा कि अब देश की अर्थव्यवस्था को...पढ़ें खबर।
मंगलवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और प्रकाश जावड़ेकर सहित कई नेताओं ने दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था (एम्स) जाकर पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली की सेहत की जानकारी ली।
सोमवार को भाजपा के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और भाजपा सांसद मेनका गांधी ने भी एम्स जाकर जेटली की सेहत की जानकारी ली थी।
अरुण जेटली की बीते साल गुर्दा प्रत्यारोपण की सर्जरी की गई थी। इसके चलते जेटली काफी दिनों तक मंत्रालय से भी दूर रहे थे और उनकी अनुपस्थिति में पीयूष गोयल ने वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाला था।
अरुण जेटली ने साल 2014 से लेकर साल 2018 तक राज्यसभा में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी बखूबी निभायी।
अरुण जेटली के वित्त मंत्री रहते हुए ही Insolvency and Bankruptcy Code लागू किया गया। आज कॉरपोरेट सेक्टर में यह कानून काफी अहम रोल निभा रहा है।
भाजपा के कई नेताओं की तरह अरुण जेटली भी पार्टी की छात्र शाखा एबीवीपी से जुड़े रहे हैं। साल 1974 में अरुण जेटली दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के अध्यक्ष भी चुने गए थे।
अरुण जेटली भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शुमार किए जाते हैं। जेटली साल 1980 में भाजपा में शामिल हुए और साल 1991 में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किए गए।
अरुण जेटली की हालत नाजुक बनी हुई है, लेकिन अच्छी बात ये है कि उनकी हालत स्थिर है। फिलहाल डॉक्टर उनके स्वास्थ्य में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनकर मंगलवार को अरुण जेटली का हाल जानने एम्स अस्पताल पहुंचे। इस दौरान राज्यपाल धनकर का परिवार भी उनके साथ था। राज्यपाल ने डॉक्टरों से जेटली के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और उनके जल्द ठीक होने की कामना की।
अरुण जेटली के शरीर में ऑक्सीजन की प्राकृतिक रुप नहीं पहुंच पा रही है, ऐसे में डॉक्टरों की टीम जीवन रक्षक प्रणाली के जरिए कृत्रिम रुप से उनके शरीर में ऑक्सीजन पहुंचा रही है।
सोमवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और भाजपा सांसद मेनका गांधी समेत कई नेता अरुण जेटली का हालचाल जानने एम्स पहुंचे थे।
अरुण जेटली की हालत अभी भी नाजुक लेकिन स्थिर बनी हुई है और उसमें अभी तक कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। वहीं कई बड़े नेताओं का एम्स जाना लगातार जारी है।