पोखरण से गिरफ्तार किए गए हबीब-उर-रहमान नामक कथित जासूस ने पुलिस के समक्ष कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने पुलिस को बताया है कि पाकिस्तान में बैठे आका को वह उसके द्वारा आपूर्ति की गई सब्जी एवं राशन की जानकारी भी देता था। इससे आका यह अंदाजा लगाते थे कि उस समय सीमा पर कितने जवानों की तैनाती है।
पूछताछ के दौरान पता चला है कि बीते दो साल से जासूसी कर रहे हबीब-उर-रहमान ने अभी तक कई महत्त्वपूर्ण जानकारियां पाकिस्तान में बैठे हैंडलर को भेजी हैं। वह कभी वाट्सऐप के जरिए यह जानकारी साझा करता था तो कभी सीडी बनाकर उसे भेज देता था। उसने पुलिस को बताया है कि अभी तक इस काम के लिए लाखों रुपए ले चुका था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जासूसी का यह नेटवर्क काफी बड़ा है।
इस मामले में परमजीत से भी पूछताछ की जा रही है। उससे यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि अभी तक वह किस तरह की जानकारी साझा कर चुका था। अभी जो दस्तावेज आरोपी हबीब-उर-रहमान से बरामद हुए हैं, वह बेहद ही गोपनीय हैं। इस बात की पुष्टि खुद रक्षा मंत्रालय के अधिकारी कर चुके हैं। पुलिस का कहना है कि इस मामले में जल्द ही कुछ अन्य आरोपी गिरफ्तार हो सकते हैं। अपराध शाखा के रडार पर परमजीत के चार करीबी समेत पांच लोग है। इनमें एक शख्स गिरफ्तार हबीबुर रहमान तक रकम पहुंचाने वाले हवाला नेटवर्क से जुड़ा हुआ भी है।
पुलिस एक तरफ सेना के जवान के नेटवर्क की जांच कर रही है, जो सूचनाओं को लीक करने में लगा था तो दूसरी तरफ हबीब-उर-रहमान तक रकम पहुंचाने वाले हवाला नेटवर्क की तफ्तीश में जुटी हुई है। अपराध शाखा का दावा है कि इस मामले में जल्द ही दिल्ली, उत्तरप्रदेश व राजस्थान से और गिरफ्तारियां होंगी ताकि इस पूरे नेटवर्क को खंगाला जा सके।
जांच में पता चला है कि हबीब और परमजीत से राजस्थान व अन्य बॉर्डर पर तैनात भारतीय जवानों की तैनात की बारे में आइएसआइ जानकारी लेते थे। आरोपी पिछले दो वर्ष से गोपनीय दस्तावेज व सूचनाएं पाकिस्तानी हैंडलरों को दे रहे थे। कुछ संदिग्धों की पहुंच पाकिस्तानी दूतावास तक होने की जानकारी भी मिली है, जिसकी बारीकी से जांच की जा रही है।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक परमजीत की तैनाती आगरा से पहले पोखरण में थी। वह पोखरण में सेना की आपूर्ति यूनिट में तैनात था। ऐसे में उसे पता था कि किस बॉर्डर पर कितना राशन पानी सप्लाई होता है। हबीब सेना को राशन सप्लाई करता था। इस कारण उसकी परमजीत से दोस्ती थी। पाकिस्तान हैंडलर बाद में अन्य जानकारी मांगने लग गए थे कि कहां कितनी पोस्ट हैं और एक पोस्ट पर कितने तैनात रहते हैं।
शुरुआती जांच में ये बात भी सामने आई है कि परमजीत अफसरों के कमरे में घुसकर गोपनीय दस्तावेज चुरा लेता था। दोनों ही आरोपी वाट्सऐप आदि के जरिए भी हैंडलर को गोपनीय जानकारी व दस्तावेज देते थे। पुलिस ने दोनों के मोबाइल व अन्य सामान जब्त कर लिया है। आरोपियों के कई बैंक खाते हैं। इनके सभी बैंक खातों में हवाला के जरिए रकम आने की संभावना है।