उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के संतों से माफी मांगने पर रिपब्लिक टीवी पर डिबेट में अर्णब ने निशाना साधा कि संतों से तो माफी मांग ली पर जो पाप 1992 में मुलायम सिंह ने किया था, उसे कैसे धोएंगे। एंकर का कहना था कि मुलायम ने निहत्थे कार सेवकों पर जिस तरह से गोलियां चलवाई थीं, उसे इतिहास कभी माफ नहीं करेगा।
अर्णब का कहना था कि यूपी चुनाव नजदीक आते ही अखिलेश को संतों का ख्याल आने लगा। लेकिन इतने दिन बाद उनकी आंखें क्यों खुलीं। उनका कहना था कि ये समाजवादी लोग केवल सत्ता के लिए अपना रंग बदल रहे हैं। अगर इन्हें इतना ही पछतावा हो रहा है तो मुलायम के कृत्य के लिए माफी मांगें। उनका कहना था कि वह संतों के हमेशा साथ रहते हैं। जब पालघर हुआ तो उस दौरान उन्होंने खुलकर संतों की दुर्दशा पर आवाज उठाई। इसी वजह से उनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया।
अर्णब ने तंज कसते हुए कहा कि अखिलेश कितना भी जोर लगा लें। कितनी भी माफी मांग लें लेकिन उनकी दाल गलने वाली नहीं है। यूपी चुनाव को देखकर वह अपना रंग बदल रहे हैं पर लोग समझदार हैं। वो जानते हैं कि उनका असली चेहरा क्या है।
अखिलेश यादव ने मारपीट के एक बड़े मामले में साधु-संतों से माफी मांगी है। महाकुंभ के बीच हरिद्वार पहुंचे पूर्व सीएम ने ज्योतिष और शारदा-द्वारका पीठ के जगदगुरु शंकाराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया। उनसे मुलाकात से पहले अखिलेश ने उनके शिष्य और उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मुलाकात की और उनका भी आशीर्वाद लिया। इस दौरान अखिलेश ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से माफी मांगी।
2015 में सपा सरकार के दौरान वाराणसी (बनारस) में साधुओं पर हुए लाठीचार्ज लाठीचार्ज की घटना में माफी मांगने पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि हमने देखा कि उनके मन में उस घटना के लिए पछतावा था। गलती किसी से भी हो सकती है। अपनी गलती को मानकर सुधार के लिए तत्पर होना महत्वपूर्ण है। अखिलेश यादव ने यह जज्बा दिखाया है, इसलिए हम उन्हें अब पुरानी बातें भूलकर नई ऊर्जा के साथ देश समाज की सेवा में लगने को कहा।