भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर ‘वोट बैंक’ की राजनीति के लिये जेएनयू में देशविरोधी नारे लगाने वालों का पक्ष लेने का आरोप लगाया है। शाह ने बुधवार को कहा कि संसद में बैठे सभी पार्टियों के नुमाइंदे यह बताएं कि राष्ट्रविरोधी नारेबाजी करना अभिव्यक्ति की आजादी है या देशद्रोह।
शाह ने राजा सुहेलदेव की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर आयोजित जनसभा में कहा ‘‘आज संसद में चर्चा हो रही है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर देशविरोधी नारों को सहन किया जाए या नहीं। मैं खासकर कांग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या जो लोग भारत विरोधी नारे लगाते हैं वे देशद्रोही नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा ‘‘देश की सबसे बड़ी पंचायत यानी संसद में हर पार्टी के नुमाइंदे बैठे हैं। मैं चाहता हूं कि वे स्पष्ट कर दें कि इस तरह के नारे लगाना अभिव्यक्ति की आजादी है या देशदोह? यह देश की जनता को भी तय करना है।’’ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को घेरते हुए शाह ने कहा ‘‘मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि वह जनता के सामने स्पष्ट करें कि क्या वह इन नारों का समर्थन करते हैं? अगर नहीं करते हैं, तो इसकी निन्दा करें।’’ उन्होंने कहा ‘‘राहुल जी वोट बैंक की राजनीति के लिए इतना नीचे मत उतरिये। यह देश हजारों शहीदों के जीवन के कुरबानी के कारण आजाद हुआ। आप अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर देश को तोड़ने वाली ताकतों का समर्थन करते हैं।’’

सरकार मुझे नहीं बोलने देगी क्योंकि वह डरी हुई है: राहुल गांधी</strong>

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि सरकार ‘भयभीत’ है और वह जेएनयू मुद्दे पर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास करेगी। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘ मैं बोलूंगा लेकिन वे मुझे बोलने नहीं देंगे क्योंकि वे भयभीत हैं। वे इस बात से डरे हुए हैं कि मैं संसद में क्या कहूंगा, इसलिए वे मुझे बोलने नहीं देंगे।’’ बता दें कि राहुल गांधी जेएनयू छात्रों के समर्थन में आये थे जो जेएनयू छात्रसंघ के नेता कन्हैया कुमार को देश्रदोह के आरोप में गिरफ्तार किये जाने का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने आरएसएस और भाजपा पर अपनी विचारधारा थोपने का आरोप भी लगाया था। इससे पहले सरकार की ओर से मंत्रियों ने कहा कि सरकार को किसी भी मुद्दे पर चर्चा कराने में कोई परेशानी नहीं है और वह सभी विषयों पर जवाब देने को तैयार है।