Amit Shah Remark On Satya Pal Malik: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पुलवामा हमले समेत कई मुद्दों पर सनसनीखेज खुलासे किए हैं। जिसको लेकर देश में सियासत गर्मा गई है। जिसको लेकर कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावार है। कांग्रेस का आरोप है कि उन्होंने पुलवामा हमले को लेकर सवाल खड़े किए इसलिए उन्हें (मलिक) सीबीआई ने समन भेजा।
इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्य पाल मलिक के पुलवामा के आरोपों का जवाब देते हुए पूछा कि जब मलिक राज्यपाल थे तो उन्होंने क्यों नहीं बोला, अगर वह जो कह रहे हैं वह सच है। इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम के दौरान शाह ने शनिवार को कहा कि मलिक को सीबीआई द्वारा इसलिए नहीं बुलाया गया है कि उन्होंने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की, बल्कि एक चल रही जांच के कारण जिसमें उन्हें पहले ही दो बार बुलाया जा चुका है।
शाह ने आगे कहा, “हमें यह भी पूछना चाहिए कि ऐसे लोगों को हमसे अलग होने के बाद ही ये बातें क्यों याद आती हैं… जब वे सत्ता में होते हैं तो उनकी अंतरात्मा क्यों नहीं जागती?” उन्होंने कहा, “ऐसे लोगों की विश्वसनीयता पर जनता और मीडिया द्वारा सवाल उठाए जाने चाहिए।” उन्होंने कहा, “अगर उन्होंने जो कहा है वह सच है, तो वह पहले क्यों नहीं बोले।”
अमित शाह बोले- आरोपों की जांच होनी चाहिए
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘मैं देश की जनता को बताना चाहता हूं कि भारतीय जनता पार्टी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है जिसे छिपाने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, “जब कोई सत्ता में नहीं है और आरोप लगाता है तो आरोपों की भी जांच होनी चाहिए।” यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के पद के लिए मलिक को चुनने पर सवाल उठाया है? शाह ने जवाब दिया, “उन्होंने बहुत लंबे समय के लिए पार्टी के लिए काम किया। वह एक बार मेरी टीम में भी थे, लेकिन लोग अपने जीवन के दौरान समय-समय पर अपना रंग बदल सकते हैं, और जनता को इसे पहचानना चाहिए।”
पुलवामा हमले को लेकर सत्यपाल मलिक ने पीएम मोदी पर लगाया था आरोप
मलिक ने हाल ही में दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें 14 फरवरी, 2019 के पुलवामा हमले के बाद कुछ कथित खामियों पर चुप रहने के लिए कहा था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे। द वायर के लिए करण थापर को दिए एक इंटरव्यू में मलिक, जो अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, उन्होंने दावा किया कि गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ द्वारा अपने कर्मियों को ले जाने के लिए मांगे गए पांच विमान उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया था। जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में एक काफिले में सड़क मार्ग से जा रहे सुरक्षाकर्मियों पर आतंकी हमला हुआ था।
शुक्रवार (21 अप्रैल) को मलिक ने कहा कि उन्हें सीबीआई ने केंद्र शासित प्रदेश में कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया है। यह मामला अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस जनरल इंश्योरेंस से जुड़ी एक बीमा योजना में अनियमितताओं के आरोपों से जुड़ा है। मलिक द्वारा मामले में उन्हें रिश्वत देने के प्रयास के आरोप लगाने के बाद यह मामला दर्ज किया गया था।
मलिक ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘सीबीआई अधिकारियों ने मुझे फोन किया और पूछा कि क्या मैं इन दिनों में से किसी एक दिन दिल्ली में रहूंगा। मैंने उनसे कहा कि मैं 23 अप्रैल को दिल्ली आऊंगा। वे योजनाओं पर कुछ स्पष्टीकरण मांगना चाहते हैं, जिसके लिए मुझे अकबर रोड पर उनके गेस्ट हाउस जाना होगा।’