लॉकडाउन के बीच Dewan Housing Finance Ltd (DHFL) के प्रोमोटर्स कपिल वधावन और धीरज वधावन परिवार के 21 सदस्यों द्वारा लॉकडाउन का उल्लंघन कर महाबलेश्वर में छुट्टी मनाए जाने का मामला तूल पकड़ गया है। बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने आरोप लगाया है कि वधावन बंधुओं को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया। गृह सचिव ने उन्हें वीआईपी पास दिया, जिसके आधार पर वधावन बंधुओं का काफिला मुंबई से महाबलेश्वर गया।
सौमैया का कहना है कि धीरज वधावन, कपिल वधावन और 21 अन्य लोगों की पांच गाड़ियों को राज्य के मुख्य गृह सचिव अमिताभ गुप्ता ने आठ अप्रैल को अनुमति पत्र दिया था, जिससे वेे लॉकडाउन के बीच भी सफर कर सकें। किरीट सोमैया ने इस संदर्भ में राज्य सरकार से जांच की मांग भी की है। पास जारी होने को लेकर एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर को छुट्टी पर भेज दिया गया है।
कपिल वधावन और धीरज वधावन को महाबलेश्वर (महाराष्ट्र) में हिरासत में लिया गया था। कोरोना संक्रमण के चलते की गई देशबंदी (लॉकडाउन) का उल्लंघन करके वधावन अपने परिवार के 21 सदस्यों के साथ अपने फार्महाउस में छुट्टी मना रहे थे। उन्हें धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में लिया गया। इसके बाद उन्हें पंचगनी के सरकारी अस्पताल मेंं आइसोलेशन में रखा गया।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने नौ अप्रैल की रात ट्वीट किया कि इस बात की जांच कराई जाएगी कि वधावन परिवार कैसे महाबलेश्वर पहुंचा। ”फैमिलि इमरजेंसी” के आधार पर बने पास के आधार पर यह परिवार सफर कर रहा था और नौ अप्रैल को ही महाबलेश्वर पहुंचा था।
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डीएचएफएल के इन प्रोमोटर्स पर दो बड़े मामले चल रहे हैं। उन पर एक मामला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 14000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज किया है। इस मामले में ये जमानत पर हैं। ईडी ने इन्हें 16 मार्च को समन भी भेजा था, लेकिन कोरोना का संक्रमण फैलने का हवाला देकर ये पेश नहीं हुए थे।
दूसरा मामला येस बैंक के प्रोमोटर्स से गलत तरीके से लोन व रिश्वत लेने का है। कपिल और नीरज वधावन धोखाधड़ी के इस मामले में सीबीआई द्वारा वांछित हैं। सीबीआई ने स्थानीय प्रशासन को लिखा है कि इन्हें बिना सीबीआई की इजाजत के कहीं जाने न दिया जाए। नौ मार्च को सीबीआई ने इनके ठिकानों पर छापे भी मारे थे, पर ये दोनों गायब मिले थे।
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वधावन का काफिला दो रेंंज रोवर्स और तीन फॉर्चुनर्स गाड़ियों में खंडाला से महाबलेश्वर, 180 किमी का सफर कर पहुंचा था। वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ रसोइया व नौकर-चाकर भी लेकर गए थे। इनके पास जो पास था उस पर फैमिली इमरजेंसी को सफर का कारण बताया गया था। हर पास में कार में सवार लोगों के नाम लिखे गए थे।
इस मामले में अब महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्रालय में प्रधान सचिव अमिताभ गुप्ता को जबरन छुट्टी पर भेजा गया है। बताया गया है कि पास पर इन्हीं के दस्तखत थे।
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