राज्य सभा के चुनावों में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी मददगार मायावती बनकर उभरी हैं। मायावती ने लगभग एक महीने पहले कांग्रेस को उत्तराखंड विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने में मदद की और अब मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में राज्य सभा चुनाव में मदद करने जा रही हैं। हालांकि मायावती ने कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन की आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं कि लेकिन इस बारे में उन्होंने पूरा इशारा किया। गुरुवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा था, ”हम किसका समर्थन करेंगे, किसका नहीं करेंगे आपको नतीजे सामने आने पर पता चल जाएगा। यूपी में समाजवादी पार्टी और भाजपा अंदरखाने मिले हुए हैं।”
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मायावती की पार्टी के समर्थन से यूपी से कपिल सिब्बल, मध्य प्रदेश से विवेक तनखा का जीतना लगभग तय है। वहीं हरियाणा में कांग्रेस समर्थित आरके आनंद और राजस्थान में कमल मोरारका को मदद मिलेगी। हालांकि यह कहना गलत होगा कि मायावती और कांग्रेस करीब आ रहे हैं। तथ्य यह है कि अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहां पर सपा का ग्राफ नीचे की ओर जा रहा है। इसके चलते भाजपा को बसपा अपना प्रतिद्वंदी मान रही है। यूपी में 11 राज्य सभा सीटों के लिए चुनाव हैं। यहां पर भाजपा समर्थित प्रीति महापात्रा के उतरने से समीकरण रोचक हो गए हैं। कांग्रेस के पास 29 विधायक हैं और कपिल सिब्बल को जीतने के लिए पांच और वोटों की जरूरत है। बसपा के पास 80 विधायक हैं और उसके 12 विधायक सिब्बल का रास्ता साफ कर सकते हैं। बसपा ने सतीश चंद्र मिश्रा और अशोक सिद्धार्थ को प्रत्याशी बनाया है जिनका जीतना तय है।
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समाजवादी पार्टी आसानी से छह सीटें जीत सकती थी लेकिन उसने सात उम्मीदवार उतारे हैं। सातवें उम्मीदवार को जीतने के लिए 9 वोट ओर चाहिए। पार्टी ने अजित सिंह की रालोद के आठ विधायकों का समर्थन हासिल कर लिया है। भाजपा ने शिव प्रताप शुक्ला को खड़ा किया है और उनको पर्याप्त वोट मिलने के बाद भी पार्टी के पास 7 वोट बच जाएंगे। इसका मतलब है कि प्रीति महापात्रा को 27 वोट और चाहिए होंगे। हालांकि क्रॉस वोटिंग होने का अनुमान है लेकिन 27 वोट मिलना मुश्किल है।
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इधर हरियाणा में स्थितियां बदल गई हैं। कांग्रेस और इनेलो ने निर्दलीय उम्मीदवार आरके आनंद का समर्थन किया है। उन्हें बसपा और अकाली दल के एक-एक विधायक का साथ मिलने का भी अनुमान है। ऐसा होने पर उनके पस 31 वोट हो जाएंगे। इसके चलते भाजपा समर्थित निर्दलीय सुभाष चंद्रा पर हार का खतरा मंडराने लगा है। मध्य प्रदेश में बसपा के समर्थन से कांग्रेस के प्रदीप टमटा की जीत तय हो गई है। ऐसा ही उत्तराखंड में है, जहां एकमात्र सीट कांग्रेस के खाते में जा रही है। राजस्थान में चारों सीटों पर भाजपा की जीत लगभग तय है।
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