पश्चिम बंगाल के चौथे चरण के मतदान के बाद भाजपा आईटी सेल की तरफ से कुछ ऑडियो क्लिप जारी किए गए। ये ऑडियो क्लब हाउस ऐप पर ममता बनर्जी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और देश के कुछ चुनिंदा पत्रकारों के बीच हुई बातचीत के थे। इस ऑडियो में प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल चुनाव के बारे में कई अनुमान किए थे। अब प्रशांत किशोर के इन्हीं बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उनकी क्लब में कुछ लोग आरएसएस की शाखा वाले भी थे।

आज तक न्यूज चैनल पर आयोजित एक कार्यक्रम में एंकर अंजना ओम कश्यप ने कहा कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी मान लिया है कि पश्चिम बंगाल का दलित समुदाय भाजपा के साथ है। इसपर जवाब देते हुए ओवैसी ने कहा कि क्लब हाउस में प्रशांत किशोर के दिल की बात जुबान पर आ ही गई। इसके अलावा ओवैसी ने कहा कि आज दो तरह के पत्रकार हैं एक वे हैं जो आरएसएस की शाखा वाले हैं और दूसरे वे जो क्लब हाउस वाले हैं। ये दोनों कभी नहीं चाहते हैं कि मुस्लिमों का सशक्तिकरण हो।

आगे असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि क्लब हाउस वाले पत्रकार भी असल में आरएसएस की शाखा वाले ही हैं। बस अंतर इतना है कि निजी तौर पर उन्हें नरेंद्र मोदी पसंद नहीं है। लेकिन दोनों की विचारधारा वही है. प्रशांत किशोर कह रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में मुस्लिम तुष्टिकरण हुआ है इसलिए लोग थोड़े टीएमसी के खिलाफ हैं। लेकिन ये तुष्टिकरण का फलसफा नहीं है बल्कि ये हमारे बर्बादी के अफसाने हैं। आगे असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अगर तुष्टिकरण हुआ है तो पश्चिम बंगाल में मुसलमानों की इतनी दयनीय स्थिति क्यों हैं।

इसके अलावा जब एंकर अंजना ओम कश्यप ने कहा कि क्या मुसलमानों को वोट बैंक माना जाता है इसलिए ऐसी दयनीय स्थिति है। इसपर जवाब देते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि दरअसल भारत में कोई मुस्लिम वोट बैंक है ही नहीं। आगे ओवैसी ने कहा कि 2014 के पहले भाषण में मैंने पीएम मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा था कि आपने मुस्लिम वोट बैंक के झूठ को बेनकाब कर दिया। मुस्लिम वोट बैंक कभी भी भारत में नहीं था।

बता दें कि फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के साथ गठबंधन नहीं होने के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने अकेले ही पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। ओवैसी की पार्टी ने सिर्फ 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इन सभी सीटों पर मुस्लिम आबादी ज्यादा है। हालांकि जिन 7 सीटों पर ओवैसी ने उम्मीदवार उतारे हैं उनमें से 3-3 पर कांग्रेस और टीएमसी का कब्ज़ा है। वहीं एक सीटें लेफ्ट के पास है।