हरियाणा विधानसभा चुनाव के तहत कांग्रेस-आम आदमी पार्टी के गठबंधन को लेकर चर्चा जारी है, लेकिन ऐसा होने अब काफी मुश्किल नज़र आ रहा है। इंडियन एक्सप्रेस को आम आदमी पार्टी के सूत्रों से यह खबर मिली है कि दोनों दलों के बीच बात नहीं बन पा रही है और गठबंधन काफी मुश्किल नज़र आ रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि आम आदमी पार्टी अकेले चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है और 50 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। आप और कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में गठबंधन किया था।

क्यों मुश्किल लग रहा है आप-कांग्रेस गठबंधन?

आम आदमी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक AAP ने 10 सीटें मांगी थीं, जबकि कांग्रेस ने केवल सात सीटें देने की पेशकश की थी। कुछ रिपोर्ट्स से संकेत मिलता है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक के दौरान आप के साथ गठबंधन की संभावना तलाशने में दिलचस्पी जाहिर की थी।

कांग्रेस और आप के नेताओं के बीच लगातार बैठकें जारी हैं। कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने आप नेता राघव चड्डा से मुलाकात की थी और कहा था कि बातचीत जारी है अच्छा फैसला होगा।

अरविंद केजरीवाल की रिहाई पर भी निर्भर करेगा गठबंधन

आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने कहा कि दोनों दलों के बीच किसी भी गठबंधन का मामला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा। यानी सीएम केजरीवाल जेल से बाहर आते हैं तो उनकी राय शुमारी के बाद गठबंधन के सवाल पर कुछ तय हो सकता है। हालांकि खबरें यह भी हैं कि हरियाणा कांग्रेस के कई नेता नहीं चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी से गठबंधन हो। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आजतक से बात करते हुए कहा कि हम अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम हैं लेकिन केंद्रीय नेता क्या तय करते हैं इसपर बहुत कुछ निर्भर करेगा।