जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 19 वर्षीय पाकिस्तानी आतंकवादी को जिंदा पकड़ा गया है। अभियान के दौरान एक आतंकवादी मारा गया। जबकि तीन भारतीय सैनिक घायल हो गए। घुसपैठ की कोशिश सलामाबाद नाले के किनारे की गई थी। इस रूट को उरी चौकी पर 2016 के आत्मघाती हमले के दौरान लिए इस्तेमाल किया गया था।
पकड़े गए घुसपैठिए ने अपनी पहचान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के ओकारा जिले के 19 वर्षीय अली बाबर पारा के रूप में बताई है। बकौल बाबर, गरीबी ने उसे इस दलदल में धकेला। मां के इलाज के लिए उसे 20 हजार रुपये दिए गए थे। वापसी पर 30 हजार रुपये और दिए जाने थे। वह स्कूल का ड्राप आउट है। परिवार में विधवा मां के अलावा एक गोद ली हुई बहन भी है।
सेना ने घुसपैठ को लेकर एलओसी पर 18 सितंबर को अभियान शुरू किया था। घुसपैठियों की संख्या छह थी। उनको चुनौती देने पर मुठभेड़ हुई। उनमें से चार बाड़ के दूसरी तरफ थे जबकि दो भारतीय क्षेत्र की तरफ आ गए थे। दूसरी तरफ मौजूद चार आतंकी घनी झाड़ियों का फायदा उठाकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में वापस चले गए। बाकी दो भारतीय सीमा में घुस गए। सेना के मुताबिक एक घुसपैठिए को 26 की सुबह मुठभेड़ में मार गिराया गया, जबकि दूसरे को जिंदा पकड़ लिया गया।
बाबर पारा ने बताया कि वह लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य है। उसे 2019 में मुजफ्फराबाद के खैबर शिविर, घडीवाला में तीन सप्ताह तक प्रशिक्षित किया गया था। एक अधिकारी ने बताया कि आतंकियों को इस साल किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए बुलाया गया था। उन्हें बताया गया था कि उन्हें पट्टन में आपूर्ति करनी है। लेकिन उनसे बरामद चीजों और साजिश के तौर-तरीकों को देखने से यह प्रतीत होता है कि वे यहां किसी हमले के इरादे से आए थे।
सेना के मुताबिक नियंत्रण रेखा के पार लॉन्च पैड पर आवाजाही बढ़ गई है। यह पाकिस्तान की हताशा को दर्शाता है। जब वो कश्मीर में शांति देखते हैं तो शांति भंग करने के इरादे से सनसनीखेज तरीके से हमले करने के लिए आतंकियो को भेजते हैं। इतने दिनों में सात आतंकवादियों को मार गिराया गया है। उनका कहना है कि घुसपैठ करने वाले दस्ते को पाकिस्तान की ओर से शह मिली थी। सामान ढोने वाले तीन कारिंदे नियंत्रण रेखा तक रसद ला रहे थे।