टाटा ग्रुप ऑटोमोबाइल से लेकर हवाई जहाज तक कई तरह के प्रोडक्ट बनाता है। 153 साल पूरे कर चुके टाटा समूह की स्थापना साल 1868 में जमशेदजी टाटा ने की थी। बीते वक्त में कंपनी ने कई वैश्विक कंपनियों को खरीदने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल की। यही नहीं, टाटा भारत के सबसे बड़े और सबसे पुराने औद्योगिक समूहों में से एक है। गौरतलब है कि प्रत्येक टाटा कंपनी अपने खुद के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर और शेयरधारकों के तहत स्वतंत्र रूप से काम करती है।

टाटा ग्रुप में टाटा केमिकल्स, टाटा कम्युनिकेशंस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, टाटा एलेक्सी, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा स्टील, जमशेदपुर एफसी, तनिष्क, वोल्टास, टाटा क्लिक, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, टाटा कैपिटल, टाइटन, ट्रेंट शामिल हैं। इसके साथ ही इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड, ताजएयर, विस्तारा, क्रोमा और टाटा स्टारबक्स भी ग्रुप का हिस्सा हैं।

बता दें कि टाटा संस के चेयरमैन आमतौर पर टाटा समूह के चेयरमैन होते हैं। 2020 तक टाटा समूह के सात चेयरमैन हो चुके हैं। जमशेदजी टाटा (1868-1904), सर दोराबजी टाटा (1904-1932), नौरोजी सकलतवाला (1932-1938), जे. आर. डी. टाटा (1938-1991), रतन टाटा (1991-2012), साइरस मिस्त्री (2012-2016), रतन टाटा (2016-2017) और नटराजन चंद्रशेखरन (2017–मौजूदा)।

इतिहास पर एक नजर: 28 साल की उम्र में जमशेदजी नसरवानजी टाटा ने अपने पिता की कंपनी में काम किया। 1870 में 21 हजार रुपये की पूंजी के साथ उन्होंने एक व्यापारिक कंपनी की स्थापना की। 1874 में, उन्होंने नागपुर में एम्प्रेस मिल नाम से एक और सूती मिल की स्थापना की। उन्होंने चार लक्ष्यों को प्राप्त करने का सपना देखा, एक लोहा और इस्पात कंपनी, एक अनूठा होटल, एक विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान और एक हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्लांट स्थापित करना। उनके जीवनकाल के दौरान, 1903 में, कोलाबा तट पर ताजमहल होटल खोला गया।

जमशेदजी की मृत्यु के बाद, उनके बड़े बेटे दोराबजी टाटा 1904 में चेयरमैन बने। सर दोराबजी ने टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को) की स्थापना की, जिसे अब टाटा स्टील के नाम से जाना जाता है। जे आरडी टाटा को 1938 में टाटा समूह का चेयरमैन बनाया गया था। उनके रहते टाटा समूह की संपत्ति 101 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गई। 14 उद्यमों से शुरू होकर, आधी सदी बाद 1988 में , टाटा संस 95 उद्यमों के समूह में विकसित हो चुका था।

1952 में, JRD ने एक एयरलाइन की स्थापना की, जिसे Tata Air Services के नाम से जाना जाता है (बाद में इसका नाम बदलकर Tata Airlines) कर दिया गया। 1945 में, टाटा मोटर्स की स्थापना हुई, जो पहले इंजनों पर केंद्रित थी। 1968 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की स्थापना हुई। 1991 में, रतन टाटा टाटा समूह के चेयरमैन बने। 2017 में, नटराजन चंद्रशेखरन को चेयरमैन नियुक्त किया गया।

इस समय टाटा समूह बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बात की जाए तो एन चंद्रशेखरन टाटा सन्स में बोर्ड चेयरमैन हैं। साथ ही वे एक्जीक्यूटिव चेयरमैन भी हैं। इसके अलावा वेणु श्रीनिवासन, अजय पीरामल, डॉक्टर राल्फ स्पेथ, भास्कर भट, हरीश मनवानी डायरेक्टर हैं।

मैनेजमेंट टीम में, एन चंद्रशेखरन , सौरभ अग्रवाल हैं। साथ ही बनमाली अग्रवाल, आरती सुब्रमण्यम, हरीश भट, सुप्रकाश मुखोपाध्याय, रूपा पुरुषोत्तमन, नुपूर मलिक और सिद्धार्थ शर्मा हैं।