Blood Test: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिनके मरीजों की तादाद देश और दुनिया में लगातार बढ़ती जा रही है। कोविड-19 संक्रमण के बाद मरीजों की संख्या में तेजी से इज़ाफ़ा हुआ है। ये बीमारी कम उम्र में ही लोगों को अपना शिकार बना रही है। खराब डाइट, बिगड़ता लाइफस्टाइल और तनाव की वजह से पनपने वाली इस बीमारी से लाखों ऐसे लोग पीड़ित हैं जो सालों से शुगर के मरीज़ है लेकिन बिना इलाज के उसके साथ जी रहे हैं। डायबिटीज की बीमारी में पैंक्रियाज इंसुलिन का जब उत्पादन करना कम कर देता है तो ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। शुगर बढ़ने पर बॉडी में उसके लक्षण दिखने लगते हैं।
मेडटॉक्स डॉट के मुताबिक डायबिटीज के लक्षण इस बीमारी की गिरफ्त में होने के संकेत देते हैं। अत्याधिक थकान, बेचैनी,कपकपी, ज्यादा भूख लगना,पसीना आना, यूरीन का अधिक डिस्चार्ज होना, बार-बार प्यास लगना ये सभी लक्षण डायबिटीज के है। बॉडी में इस तरह के लक्षण दिखते ही आप तुरंत टेस्ट कराएं और इस बीमारी को कंट्रोल करने के लिए उपचार करें। डायबिटीज की बीमारी की पुष्टि लैब में टेस्ट के जरिए ही होती है।
डॉक्टर रागिनी शर्मा फैमिली मेडिसिन डॉक्टर है जो स्प्रिंगफील्ड मेमोरियल अस्पताल और स्पार्क्स रीजनल मेडिकल सेंटर सहित कई अस्पतालों से जुड़ी हुई है उनके मुताबिक शुगर की बीमारी का पता लगाने के लिए टेस्ट कराना जरूरी है। आप 5 तरह के टेस्ट करा के शुगर की बीमारी के स्टीक परिणाम ले सकते हैं। इन टेस्ट के जरिए आप पिछले तीन महीनों के दौरान बढ़ी हुई शुगर का भी पता लगा सकते हैं। आइए जानते हैं कि कौन से 5 टेस्ट के जरिए आप शुगर की बीमारी का सटीक पता लगा सकते हैं।
फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट: (Fasting Plasma Glucose Test)
फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट खाली पेट किया जाता है। इस टेस्ट को अक्सर सुबह खाली पेट ही किया जाता है जिसमें 8 घंटे तक भूखे रहना जरूरी होता है। इस ब्लड टेस्ट को कराने से पहले सिर्फ आप पानी पी सकते हैं।
रैंडम प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट: (Random Plasma Glucose (RPG) Testing)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक रैंडम ग्लूकोज टेस्टिंग के जरिये ब्लड शुगर के स्तर पर निगरानी रखी रहती है। ये टेस्ट दिन में किसी भी समय किया जा सकता है। ये टेस्ट हाइपरग्लाइसेमिया और लो शुगर के स्तर का पता लगता है। इस टेस्ट के जरिए शुगर के घटने और बढ़ने का आसानी से पता लगाया जा सकता है। आमतौर पर इस टेस्ट को इमर्जेंसी स्थिति के दौरान किया जाता है जिसके लिए 8 घंटे तक खाली पेट रहने का इंतजार नहीं किया जा सकता।
पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर टेस्ट(Postpartum Blood Sugar Test)
पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर टेस्ट खाने के बाद ब्लड शुगर की मात्रा को मापता है जिसमें कार्बोहाइड्रेट की एक निर्धारित मात्रा होती है। पोस्टप्रांडियल प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट से ये पता लगया जाता है कि ब्लड शुगर बॉडी में किस तरह से प्रतिक्रिया देता है। पोस्टप्रेन्डियल ब्लड ग्लूकोज टेस्ट खाने के दो घंटे बाद किया जाता है।
एचबीए1सी (HbA1c) ब्लड टेस्ट
ये टेस्ट सबसे सटीक टेस्ट है जिससे ये पता लगाया जाता है कि पिछले तीन महीनों में आपके ब्लड में शुगर का स्तर कितना रहा है। इस टेस्ट के जरिए आप गुजरे तीन महीनों की शुगर का पता लगा सकते हैं। इस टेस्ट के परिणाम आपकी उम्र और एनीमिया जैसी स्थिति पर निर्भर करते हैं। अगर आप एनीमिक हैं तो आपको 3 महीने के ब्लड शुगर टेस्ट HbA1c की रेंज गलत मिल सकती है। ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट पैथालॉजिस्ट में आसानी से कर सकते हैं। ये बहुत ही नार्मल टेस्ट है जिसमें भूखा रहने की कोई ज़रूरत नहीं है।
