पश्चिम बंगाल के उपचुनाव में भवानीपुर सीट पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ बीजेपी ने प्रियंका टिबरेवाल को मैदान में उतारा है। ममता को चुनौती देने वाली प्रियंका टिबरेवाल को राजनीति में तो ज्यादा अनुभव नहीं है। लेकिन वह पार्टी में कई अहम पदों की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। प्रियंका ने साल 2014 में मोदी लहर के दौरान बीजेपी जॉइन की थी। उन्हें पार्टी ने साल 2015 के निगम चुनाव में टिकट दिया था।
प्रियंका ने वार्ड 58 (एंटली) से कोलकाता नगर परिषद का चुनाव लड़ा था। लेकिन उन्हें टीएमसी उम्मीदवार स्वप्न समदार से हार का सामना करना पड़ा था। प्रियंका टिबरेवाल पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में एंटली से मैदान में उतरी थीं। लेकिन इन चुनावों में भी वह हार गई थीं। उन्हें टीएमसी उम्मीदवार स्वर्ण कमल साहा ने 58 हजार 257 मतों से शिकस्त दी थी। अब एक बार फिर प्रियंका मैदान में हैं तो उन्होंने जोर-शोर से प्रचार भी शुरू कर दिया है।
कहां से की थी पढ़ाई: प्रियंका टिबरेवाल का जन्म 7 जुलाई 1981 को कोलकाता में हुआ था। उनकी स्कूली पढ़ाई वेलैंड गॉल्डस्मिथ से हुई थी। इसके बाद वह आगे की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली आ गईं और दिल्ली यूनिवर्सिटी से उन्होंने ग्रेजुएशन पूरी की। साल 2007 में उन्होंने कोलकाता के हाजरा लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने थाईलैंड से एमबीए की पढ़ाई की थी। साल 2020 में उन्हें बीजेपी ने युवा मोर्चा उपाध्यक्ष बना दिया था।
चुनाव के बाद हुई हिंसा का मामला लेकर प्रियंका ही कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंची थीं। अभी भी वह कलकत्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करती हैं और पार्टी के कई अहम मुद्दों को उठा चुकी हैं। इंडिया टुडे से बात करते हुए प्रियंका ने कहा था, ‘मैं मुख्यमंत्री को कहना चाहती हूं कि वह चुनाव हारने के बाद भी पद पर बनी हुई हैं।’
प्रियंका ने कहा था, ‘दूसरी बार मैंने उन्हें हाईकोर्ट में शिकस्त दी थी। क्योंकि उन्होंने कहा था कि चुनाव के बाद कोई हिंसा ही नहीं हुई, मैंने ये साबित कर दिया था कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हिंसा हुई थी। वह इसके खिलाफ फिर सुप्रीम कोर्ट चली गई थीं।’ प्रियंका कई जगह कह चुकी हैं वह चुनाव में भी ममता बनर्जी को चुनौती देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।