वर्तमान समय में बढ़ता वजन एक बड़ी समस्या बन गया है। बढ़ा हुआ वजन किसी को भी परेशान कर सकता है। मोटापे के चलते डायबिटीज, सांस फूलना, दिल से जुड़ी समस्याओं समेत और भी कई गंभीर बीमारियों के खतरे बढ़ जाते हैं। यही कारण है कि लोग मोटापे को कम करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं।

खराब खानपान, जंक फूड का अधिक सेवन, आलस्य, अव्यवस्थित जीवनशैली और कोई फिजिकल एक्टिविटी ना करने के कारण लोग मोटापे का शिकार हो जाते हैं। मोटापे की वजह से कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है। योग गुरु स्वामी रामदेव के मुताबिक मोटापा कम करने के लिए योग में कई आसन बताए गए हैं। आइये डालते हैं 5 मुख्य आसनों पर एक नजर…

भस्त्रिका प्राणायाम (Bhastrika Pranayama): यह प्राणायाम करने के लिए आप पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं और फिर अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें जिससे हथेलियां ऊपर की ओर हों। इसके बाद धीरे- धीरे सामान्य स्थिति में श्वास लें। रिलैक्स होने के बाद अपनी पूरी ताकत के साथ सांस अपने भीतर खींचे और जब फेफड़े ऑक्सीजन से भर जाएं और फिर जोर से सांस छोड़ें। यह प्राणायाम शरीर को पर्याप्त मात्रा में ताजा ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए है।

त्रिकोणासन (Trikonasan): सबसे ज्यादा चर्बी कमर और जांघ पर बढ़ती है, ऐसे मोटापे को कम करने के लिए यह आसन कारगर साबित हो सकता है। मोटापा कम करने और शरीर के स्ट्रक्चर्ल बैलेंस को सही करने के लिए यह आसन किया जाता है।

अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha matsyendrasana): अर्ध मत्स्येन्द्रासन रीढ़ की हड्डी का लचीलापन बढ़ाता है, किस से उसकी कार्यकौशलता में सुधार होता है। पीठ में दर्द और कठोरता से राहत दिलाता है। छाती को खोलता है और फेफड़ों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ जाती है। ये आपके पेट और पीठ पर काम करता है। इसे करने के लिए अपने पैरों को सीधे करें और फिर इस आसन को दोहराएं।

कपालभाती (Kapalbhati): योग गुरु स्वामी बाबा रामदेव के मुताबिक सांस लेने का यह तरीका है वजन कम कर सकता है। इसे करने के लिए चटाई पर पालथी की मुद्रा में बैठकर शरीर और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखते हुए गर्दन को सीधा करें। फिर अपनी आंखें बंद करें और अपने नाक से सांस को बाहर की ओर छोड़ें और फिर पेट को अंदर की ओर सिकोड़ें या स्क्वीज करें। ऐसा आप 5-10 मिनिट तक दोहरा सकते हैं।

चक्कीचलासन (Chakki Chalanasana): पेट की चर्बी को कम करने के लिए इस आसन को किया जाता है, जिस तरह पुराने जमाने में गेहूं पीसने के लिए हाथ से चक्की चलाई जाती थी, उसी तरह से इस आसन को किया जाता है।