उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अपना पहला चुनाव साल 1967 में लड़ा था। मुलायम को सियासी अखाड़े में उतारने का प्रस्ताव तब सोशलिस्ट पार्टी के बड़े नेता और जसवंत नगर से विधायक रहे नत्थू सिंह ने दिया था। नत्थू सिंह की पहली बार एक कुश्ती के अखाड़े में मुलायम पर नजर पड़ी थी और पहली बार में ही वे इतना प्रभावित हो गए कि मुलायम को अपनी सीट पर सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव लड़वाने का मन बना लिया था। मुलायम ने चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। इसके बाद वो इस सीट से कई बार चुनाव जीते और यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री तक बने।

इस बीच केंद्र की राजनीति में भी उथल-पुथल का दौर शुरू हो गया। साल 1990 में बड़ा बदलाव हुआ और उत्तर प्रदेश के बलिया से आने वाले चंद्रशेखर को देश का प्रधानमंत्री चुन लिया गया। मुलायम सिंह यादव को चंद्रशेखर बहुत मानते थे। यही वजह थी कि वह अपनी सरकार में मुलायम सिंह यादव को गृह मंत्री बनाना चाहते थे। तब पत्रकार रहे राजीव शुक्ला के साथ इंटरव्यू में मुलायम सिंह यादव ने खुद इसका खुलासा किया और विस्तार से बात की थी।

दिल्ली क्यों नहीं आ जाते?: राजीव शुक्ला ने मुलायम से पूछा था, ‘आप 8 बार एमएलए और एमएलसी बन चुके हैं तो दिल्ली क्यों नहीं आ जाते केंद्रीय राजनीति में?’ मुलायम कहते हैं, ‘मैंने दिल्ली आने के लिए कभी नहीं सोचा। लेकिन ये जरूर सोचा है कि समाजवादी पार्टी के लोगों को ज्यादा से ज्यादा दिल्ली पहुंचाया जाए। हम चाहते हैं कि देश का प्रधानमंत्री समाजवादी पार्टी की मर्जी से बने। ये हमारी इच्छा है और इसलिए हमने पूरी शक्ति संसद के चुनाव में लगा दी है।’

इसके बाद राजीव शुक्ला उनसे सवाल करते हैं, ‘आपने एक बार कहा था जब चंद्रशेखर जी आपको गृह मंत्री बना रहे थे दिल्ली में कि हम लखनऊ में मूंगफली बेच लेंगे, लेकिन दिल्ली नहीं जाएंगे।’ मुलायम कहते हैं, ‘ये बात सच है कि चंद्रशेखर जी ने हमसे ये कहा था तो हमने ऐसा ही जवाब दिया। लेकिन हमने चंद्रशेखर जी को समझाया कि हमें लखनऊ ही रहने दीजिए तो उन्होंने हमारी बात मानी भी।’

बता दें, मुलायम सिंह यादव साल 1989 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि वह लंबे समय तक इस पद पर नहीं रह सके और साल 1991 में बीजेपी नेता कल्याण सिंह ने सूबे की कमान संभाली थी। केंद्र की बात करें तो मुलायम की एंट्री साल 1996 में बतौर रक्षा मंत्री हुई थी। वह एच.डी देवगौड़ा की सरकार में रक्षा मंत्री बने थे।