उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर चर्चा में हैं। हाल ही में बदायूं में एक रैली को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘आतंकियों को पहले सीएम आवास में बुलाकर सम्मानित किया जाता था। अब प्रदेश के विकास में जो भी बाधा बनता है उससे कानून के दायरे में ही निपटा जाता है। लेकिन पिछली सरकारों में ऐसा नहीं होता था।’ आरोप-प्रत्यारोप के बीच सीएम योगी का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है।
वायरल हो रहे इंटरव्यू में वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा मुख्यमंत्री योगी से सवाल पूछते हैं, ‘जितना बजट यूपी सरकार का है उसमें आधा तो तनख्वाह देने में चला जाएगा। बाकि बची हुई राशि से आप किसानों का कर्ज माफ कर देंगे। विकास के काम तो सारे रुक जाएंगे।’ इसके जवाब में योगी आदित्यनाथ ने कहा था, ‘पिछली सरकारों में अनुशासनहीनता बहुत ज्यादा हो गई थी। हम लोगों ने बहुत ज्यादा कटौती भी की है। पिछली सरकारों में प्रदेश के अधिकतर मंत्री और अधिकारी गर्मियों के मौसम में विदेशों का दौरा करते थे।’
योगी आदित्यनाथ आगे कहते हैं, ‘हम लोगों ने इस बार सभी की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। हमने सभी अधिकारियों से कह दिया है कि इस बार आप क्षेत्र का दौरा कीजिए, वहां सड़कों को देखिए, किसानों का गेहूं क्रय किया जा रहा है या नहीं इसका ध्यान रखिए, जनता की समस्याओं को सुनिए। हमारे पास बहुत सारी फाइलें आईं थीं कि साहब इनका विदेश दौरा प्रस्तावित है तो मैंने पूछा कि पैसा कहां से आएगा? तो बोले कि राज्य सरकार देगी तो मैंने कहा कि राज्य के पास इतना पैसा नहीं है। मैंने कहा कि आप परफॉर्म करिए, अगर ऐसा नहीं करते तो ऐसे नहीं चल पाएगा।’
हिंदुत्व का एजेंडा थोप रहे हैं: वरिष्ठ पत्रकार राहुल कंवल ने एक अन्य इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ से पूछा था, ‘भारत पर हिंदुत्व का एजेंडा जबरन थोपा जा रहा है जबकि भारत एक सेक्युलर देश है। ऐसा करना कहां तक ठीक है?’ इसके जवाब में सीएम योगी ने कहा था, ‘भारत सेक्युलर देश इसलिए है क्योंकि ये एक हिंदू बहुल देश है। भारत से अलग हुए पाकिस्तान और बांग्लादेश में सेक्युलरिज़्म की मांग क्यों नहीं होती? वहां पर तो सेक्युलर देश की कोई मांग नहीं करता। हिंदू होना अपने आप में सेक्युलर होने की गारंटी है।’
बता दें, हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने एक रैली को संबोधित करते हुए साफ कर दिया था कि अगर यूपी में बीजेपी की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही बनेंगे। अमित शाह ने कहा था कि 2024 में मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए योगी जी मुख्यमंत्री बनाना होगा। दूसरी तरफ, अखिलेश यादव ने छोटे दलों के साथ गोलबंदी शुरू कर दी है। उन्होंने पहले ही साफ कर दिया था कि वह इस बार किसी बड़े दल के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।