साल 2018 के उपचुनाव में मायावती और अखिलेश यादव साथ नजर आए थे। दोनों के साथ आने के बाद समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट प्रवीण कुमार निषाद ने बीजेपी के गढ़ गोरखपुर में जीत हासिल की थी। इस जीत के बाद सपा और बसपा के रिश्तों में नई ऊर्जा नज़र आई थी और दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर 2019 लोकसभा चुनाव लड़ा था। मुलायम सिंह यादव ने भी इस गठबंधन को अपना समर्थन दिया था। इस बीच अखिलेश यादव की बहू डिंपल यादव ने भी मायावती के मंच पर पैर छुए थे।

2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान डिंपल यादव से इस पर पूछा गया तो उन्होंने ‘आजतक’ से बात करते हुए कहा था, ‘अखिलेश जी और मायावती जी अक्सर मंच के पीछे मुलाकात करते हैं। ये कोई पहली बार नहीं था जब हम लोग उनसे मिल रहे थे। अब हम दोनों ने साथ में जो भाषण दिया उसके कारण ही ऐसा हुआ।’ डिंपल से इस पर सवाल पूछा जाता है, ‘ये बहुत बड़ी बात है कि मुलायम सिंह यादव और मायावती साथ हैं और वो भी आपके कारण।’

गठबंधन में ज्यादा सीटें जीतेंगे: अखिलेश यादव इस पर जवाब देते हैं, ‘डिंपल ने इसलिए सम्मान किया क्योंकि आदरणीय मायावती जी ने उन्हें बहू कहा। स्वभाविक है कि वो उनके पैर ही छूएंगी। डिंपल ने पैर छुए तो मायावती जी ने उन्हें आशीर्वाद ही दिया। इसमें तो कुछ भी गलत नहीं किया। उपचुनाव जीतने के बाद हमें लगा कि यूपी में गठबंधन में बनाने के बाद हम लोग ज्यादा सीटें जीतेंगे। यूपी में देखिए क्या सब हो रहा था।’

बता दें, लोकसभा चुनावों में अखिलेश यादव और मायावती के गठबंधन का भी कोई फायदा नहीं हुआ था। यूपी में सपा ने 37 और बीएसपी ने 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था। बीएसपी ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी और सपा को 5 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि बीजेपी ने 62 सीटें जीती थीं।

चुनाव के परिणाम मन-मुताबिक नहीं आने के बाद मायावती के विरोधी तेवर भी नज़र आए थे। मायावती ने तो अपने एक भाषण में यहां तक कह दिया था कि सपा के साथ गठबंधन करना उनकी सबसे बड़ी भूल थी और अब बीएसपी अकेले ही कोई भी चुनाव लड़ेगी।