राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत पिछले साल मई में ट्विटर पर आए थे। इस दौरान उनके ट्विटर हैंडल (@DrMohanBhagwat) पर एक लाख 21 हजार से ज्यादा फॉलोअर जुड़े। हालांकि संघ प्रमुख ने अब तक सिर्फ एक हैंडल को फॉलो किया है, इसमें न तो बीजेपी का नाम है और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का। भागवत जिस इकलौते हैंडल को फॉलो करते हैं, वो है आरएसएस का आधिकारिक हैंडल।
दूसरी तरफ, मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के फॉलोअर्स की बात करें तो इस सूची में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, स्मृति इरानी, रवि शंकर प्रसाद, अनुराग ठाकुर, मुख्तार अब्बास नकवी, संबित पात्रा, वसुंधरा राजे और केशव प्रसाद मौर्य जैसे भाजपा के तमाम नेता शामिल हैं। हालांकि उनके फॉलोअर्स में भी पीएम मोदी का नाम नहीं है। मोहन भागवत के अलावा संघ के दूसरे सबसे बड़े पदाधिकारी (सरकार्यवाह) सुरेश जोशी (भैयाजी जोशी) भी ट्विटर पर बीजेपी या पीएम मोदी को फॉलो नहीं करते हैं।
वे कुल आठ लोगों को फॉलो करते हैं, जिनमें सरसंघचालक मोहन भागवत, संघ के दूसरे पदाधिकारी और आरएसएस का आधिकारिक हैंडल शामिल है। उनके 31.7 हजार फॉलोअर हैं। इसी तरह संघ के चारों सह-सरकार्यवाह सुरेश सोनी, कृष्ण गोपाल, दत्तात्रेय होसबोले और वी. भगैय्या भी आरएसएस के आधिकारिक हैंडल और पदाधिकारियों को ही फॉलो करते हैं। वहीं, संघ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल की बात करें तो इसके 1.9 मिलियन फॉलोअर हैं, जबकि इस हैंडल से किसी भी फॉलो नहीं किया गया है।

आपको बता दें कि आरएसएस बीते कुछ सालों से लगातर खासकर युवाओं से सीधे जुड़ने और उनसे संवाद स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। सितंबर, 2018 में जब मोहन भागवत ने दिल्ली के विज्ञान भवन में लोगों से सीधे बातचीत की थी और संघ की सोच, रणनीति और भविष्य आदि के बारे में विस्तार से बताया था, जिसके केंद्र में युवा भी थे।
तभी से लगातार इस बात की चर्चा हो रही है कि संघ युवाओं के अंदर अपनी छवि बदलने को लेकर लगातार काम कर रहा है। इसी रणनीति के तहत पिछले साल संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत अन्य पदाधिकारी ट्विटर पर आए। इसके अलावा संघ के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को बुलाना, रतन टाटा आदि के साथ चर्चा करना भी इसी रणनीति का हिस्सा रहा है।