राजस्थान अपनी कला और खूबसूरती के लिए मशहूर है। देश ही नहीं विदेशी पर्यटक भी राजस्थान के कोने-कोने की खूबसूरती देखने के लिए भारत आते हैं। राजस्थान के दर्शनीय स्थलों की बात करें तो जयपुर,उदयपुर,जैसलमेर,माउंट आबू,जोधपुर,अजमेर और रणथंभोर खास दर्शनीय स्थल हैं। राजस्थान के ये सभी पर्यटन स्थल वहां के ऐतिहासिक किलों,महलों, बड़ी-बड़ी हवेलियों,कला और संस्कृती के लिए लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यहां की कला और खूबसूरती को देखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों जयपुर पहुंचे हैं।
गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने आए इमैनुएल जयपुर के हवाई अड्डे पर पहुंच गए हैं, जहां पूरे प्रोटोकॉल के साथ उनका स्वागत किया गया है। गुलाबी शहर के नाम से मशहूर जयपुर में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ऐतिहासिक अमेर किला,जंतर मंतर और हवा महल देखने जाएंगे। भारत विविध तरह की कलाओं और संस्कृतियों का देश है, ऐसे में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आखिर राजस्थान के जयपुर को क्यों चुना। आइए जानते हैं कि राजस्थान के जयपुर में आमेर किला, जंतर मंतर और हवा महल में ऐसा क्या खास हैं जहां जाने की ख्वाहिश फ्रांस के राष्ट्रपति ने की है।
अमेर का किला जहां शाम गुजारेंगे PM MODI और फ्रांस के राष्ट्रपति
अमेर का किला अपनी खूबसूरती और कला के लिए पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। इस किले को UNESCO द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया है। इसे 16वीं सदी में बनाया गया था। ये किला राजस्थानी स्थापत्यकला और संस्कृति का बेहतरीन नमूना है। ऊंची पहाड़ी पर बना आमेर का किला दूर से ही बेहद विशाल और खूबसूरत दिखाई देता है। आमेर किले के निर्माण की शुरुआत 16वीं शताब्दी के अंत में राजा मान सिंह ने की थी जिसे पूरा सवाई जय सिंह द्वितीय और राजा जय सिंह प्रथम द्वारा किया गया था। ये किला राजस्थानी स्थापत्यकला और संस्कृति का नमूना है।
आमेर के किले के अंदर की नक्काशी और महल आंखों को चकाचौंद कर देते हैं। यहां एक शीश महल भी बनाया गया है, जो अपनी सुंदर नक्काशी के लिए काफी फेमस है। इसके अलावा इसमें बना मार्बल का फूल भी आकर्षण का केंद्र है। आप भी राजस्थान के जयपुर जा रहे हैं तो अमेर का किला जरूर जाएं।
जयपुर में जंतर-मंतर देखने भी जरुर जाएं
जयपुर के जंतर मंतर का निर्माण महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय द्वारा 1734 में किया गया था। जयपुर स्थित जंतर-मंतर को सन 2010 में विश्व विरासत का दर्जा हासिल हुआ है। जंतर-मंतर राजस्थान का पहला और भारत की 23वीं सांस्कृतिक धरोहर है। राजा जय सिंह के हाथों जंतर मंतर में खड़े किये गए यंत्रों में सम्राट, जयप्रकाश और राम यंत्र भी हैं। जंतर मंतर में बने ये यंत्र पत्थर और चूने से बने हैं जो आज भी सलामत है। ज्योतिषी हर साल इन यंत्रों की मदद से वर्षा की थाह लेते हैं और मौसम का अंदाज़ा लगाते हैं। आप भी जयपुर के जंतर मंतर की कला और खूबसूरती को देख सकते हैं।
हवा महल में भी मोदी और मैक्रों जाएंगे
हवा महल जयपुर में एक राजसी-महल है जिसे सन 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने बनवाया था जिसे ‘राजमुकुट’ की तरह वास्तुकार लाल चंद उस्ताद ने डिजाइन किया था। लाल और गुलाबी बलुआ पत्थर से निर्मित, महल सिटी पैलेस, जयपुर के किनारे पर स्थित है। हवा महल का अनूठा आकर्षण इसकी 953 खिड़कियां हैं जो फीता जैसी दीवारों को कवर करती हैं।
इस महल का निर्माण राजपूतों और खासकर महिलाओं के लिए बनवाया गया था। इस महल को बनवाने का खास मकसद था कि महिलाएं नीचे की गली में हो रहे रोजाना के नाटक नृत्य को देख सकें।
हवा महल में कुल 953 कमरे हैं। यह एक बड़ा भवन है जिसे देखने पर्यटक खूब जाते हैं। राजस्थान के जयपुर जा रहे हैं तो हवा महल जाना नहीं भूलें। पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति भी इस महल का राज का नज़ारा लेने जाने वाले हैं।