उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए समाजवादी पार्टी समेत सभी राजनीतिक दलों ने प्रचार की तैयारी शुरू कर दी हैं। अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि इस बार वह छोटे दलों के साथ गठबंधन करके ही चुनाव मैदान में उतरेंगे। दूसरी तरफ, मायावती ने भी मोर्चाबंदी शुरू कर दी है। मायावती का कहना है कि वह अकेले ही चुनाव लड़ेंगी। इससे पहले लोकसभा चुनाव में मायावती और अखिलेश यादव साथ नज़र आए थे। कभी दोनों एक दूसरे के सबसे बड़े विरोधी हुआ करते थे।
मायावती के मुख्यमंत्री रहते हुए यूपी पुलिस ने समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर आंसू गैस के गोले छोड़े थे और लाठीचार्ज भी कर दिया था। दिवंगत राजनेता अमर सिंह ने इससे जुड़ा किस्सा टीवी शो ‘आप की अदालत’ में सुनाया था। अमर सिंह बताते हैं, ‘मुलायम परिवार में झगड़ा दो अधिकारियों की वजह से शुरू हुआ था। एक- नवनीत सहगल और दूसरा- रमा रमण। 14 साल तक ये लोग मायावती के भी प्रिय अधिकारी रहे और अखिलेश के भी प्रिय रहे।’
अमर सिंह घटना को याद करते हुए कहते हैं, ‘नवनीत सहगल ने मेरे, जनेश्वर मिश्र और मुलायम सिंह के ऊपर आंसू गैस के गोले और लाठियां चलाई थीं। ये सब मायावती के सीएम रहते हुए उनके आदेश पर किया गया था। उस घटना को मुलायम कभी भूल नहीं पाए। जबसे नवनीत सहगल यूपी के सबसे बड़े अधिकारी हुए तो मुलायम सिंह निराश हो गए। रमा रमण की भ्रष्टाचार की कहानियां भी मुलायम को काफी परेशान कर रही थीं। ये दोनों अधिकारी इन सबके बावजूद नोएडा और लखनऊ में छाए रहे।’
अमर सिंह बताते हैं, ‘मुलायम के अखिलेश से नाराज होने के पीछे और भी कई कारण थे। लेकिन मुख्य यही कारण थे। क्योंकि ये घटना मुलायम को बहुत परेशान करती थी। अब बेटा भी उनकी बात मानने को तैयार नहीं था।’
अटल बिहारी से मुलाकात: एक अन्य इंटरव्यू में अमर सिंह ने बताया था, ‘अटल बिहारी वाजपेयी ने हमें और मुलायम सिंह जी को पीएमओ में बुलाया था। यहां मैंने ही सबसे पहले राष्ट्रपति के लिए एपीजे अब्दुल कलाम का नाम आगे किया था। क्योंकि इससे पहले कभी कोई मुस्लिम चेहरा कोई राष्ट्रपति नहीं हुआ था। आडवाणी जी भी इसी मीटिंग में मौजूद थे। मेरी बात को मानते हुए बीजेपी के दोनों वरिष्ठ नेताओं ने तुरंत कलाम के नाम पर मुहर लगा दी थी।’