Werewolf Syndrome: मध्य प्रदेश के नंदलेटा गांव का एक बच्चा अजीबो-गरीब बीमारी का शिकार है। बच्चे के पूरे चेहरे पर बाल उग आए हैं और वह बंदर की तरह दिखता है। ललित पाटीदार नाम के इस बच्चे को गांव के लोग मंकी मैन (monkey man) के नाम से पुकारते हैं। डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक मध्य 17 साल के इस बच्चे को जो दुर्लभ बीमारी है उसे मेडिकल की भाषा में “वेयरवुल्फ सिंड्रोम” (Werewolf syndrome) कहा जाता है।
नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल में त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. ओशिन अग्रवाल के मुताबिक ये दुर्लभ बीमारी मध्य युग के बाद से लगभग 50 लोगों में ही पाई गई है। ललित की बीमारी की वजह से लोग उसके साथ उठना-बैठना पसंद नहीं करते। स्कूल में बच्चे उससे डरते हैं। आइए जानते हैं कि इस बच्चे को जो दुर्लभ बीमारी है उसका कारण क्या है और उसका इलाज कैसे संभव है।
वेयरवुल्फ सिंड्रोम (Werewolf Syndrome) क्या है?
वेयरवुल्फ सिंड्रोम (Werewolf Syndrome) को हाइपरट्रिकोसिस (Hypertrichosis) के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी, महिला या पुरुष किसी को भी हो सकती है। बीमारी में शरीर पर असामान्य तरीके से बालों की वृद्धि होती है। खासकर चेहरा ढंक जाता है। कई बार बॉडी पर इन बालों के पैच भी बनने लगते हैं। हाइपरट्रिचोसिस की बीमारी आमतौर पर बच्चे में जन्म के बाद देखी जा सकती है।
क्या है Werewolf Syndrome की वजह?
वेयरवुल्फ सिंड्रोम (Werewolf Syndrome) के कारणों में एंड्रोजेनिक स्टेरॉयड और कुपोषण शामिल है। कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट से भी यह बीमारी हो सकती है। इसके अलावा यह बीमारी हाइपरट्रिचोसिस (Hypertrichosis Genes) जीन के रिएक्टिवेशन के कारण भी हो सकती है। इस बीमारी में जीन, भ्रूण (Foetus) के विकास के साथ बंद हो जाते हैं, लेकिन जन्म के समय गलती से सक्रिय हो जाते हैं तो बीमारी बढ़ती रहती है।
क्या इस बीमारी का इलाज मौजूद है? What Are The Treatments of Werewolf Syndrome
वेयरवुल्फ सिंड्रोम के लिए कोई खास इलाज मौजूद नहीं है। हालांकि कुछ लॉग टर्म और शॉर्ट टर्म उपचार से इसे कुछ हद तक कम किया जा सकता है। शेविंग (Shaving), वैक्सिंग, प्लकिंग के जरिए इन बालों को कम किया जा सकता हैं। इस बीमारी का स्थायी और दीर्घकालिक तरीकों से इलाज कराने के लिए इलेक्ट्रोलिसिस और लेजर सर्जरी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इलेक्ट्रोलिसिस लिड्स से बालों के रोम को खत्म किया जा सकता है।