उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। अब समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने सीएम योगी को घेरा है। वहीं, पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने सरकार और जांच एजेंसियों की 3 लापरवाही गिनाई है। सपा नेता ने ट्विटर पर लिखा, ‘सन्त समाज की रक्षा करने में मुख्यमंत्री विफल हैं। अबतक दो दर्जन से ज्यादा साधु-संतों की हत्या प्रदेश में हो चुकी है।’
वहीं, पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने जांच पर सवाल खड़े करते हुए लिखा, ‘1- महंत जी की मौत को 30 घंटे हो गए, पोस्टमार्टम क्यों नहीं हुआ? 2- बिना फोरेंसिक जांच के सुसाइड नोट पब्लिक डोमेन में कैसे आ गया? 3- कैसे एक IG लेवल के अधिकारी ने बिना जांच के आत्महत्या होना बता दिया?’
मीडिया में खबरें क्यों हुईं लीक? उधर,वरिष्ठ पत्रकार बृजेश मिश्रा ने नरेंद्र गिरि की मौत पर लिखा, ‘कोई है जो किसी भी कीमत पर महंत नरेंद्र गिरी जी की मौत को आत्महत्या साबित करने पर आमादा है। बिना फॉरेन्सिक रिपोर्ट, तथाकथित सुसाइड कम वसीयतनामा मीडिया में क्यों लीक किया गया? वहीं लोगों ने आत्महत्या का दावा करते हुए बयान दिया था। अब तक न पोस्टमार्टम, न जांच लेकिन आत्महत्या की रट जारी है।’
बता दें, 22 सितंबर को नरेंद्र गिरि के शव का पोस्टमार्टम किया गया। पांच डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया था। पोस्टमार्टम में दम घुटने से मौत होने की पुष्टि हुई है। नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को समाधि दिए जाने से पहले स्नान कराने के लिए संगम लाया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को वापस बाघंबरी मठ ले जाया जाएगा। जहां पूरे विधि विधान से उन्हें भू समाधि दी जाएगी। बाघंबरी मठ से संगम के लिए निकली अंतिम यात्रा में भक्तों और संतों का जनसैलाब उमड़ पड़ा था।
भू-समाधि की तैयारी हो गईं शुरू: नरेंद्र गिरि की इच्छा थी कि उन्हें भू-समाधि दी जाए। यही वजह है कि उनके गुरु की समाधि के बराबर में उनकी समाधि बनाई जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, नरेंद्र गिरि के शिष्यों ने भू-समाधि के लिए तैयारी भी पूरी कर ली है और उनकी इच्छा के अनुसार ही सब चीजें की जा रही हैं।
गौरतलब है कि नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में अपने शिष्य आनंद गिरि पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद यूपी पुलिस ने तुरंत आनंद गिरि को गिरफ्तार कर लिया है। नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि पर मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए थे। सुसाइड नोट के आधार पर ही पुलिस ने पहले आनंद गिरि के हिरासत में लिया था और बाद में गिरफ्तार कर लिया था।