वजन घटाना कोई रातों- रात होने वाला जादू नहीं है। वजन घटाने के लिए सब्र करने के साथ ही पूरी मशक्कत भी करनी पड़ती है। वेट लॉस के लिए घंटों जहां जिम और वॉक पर जोर देना पड़ता है वहीं डाइट का सेवन भी पूरी तरह समझदारी के साथ करना पड़ता है। वेट लॉस जर्नी में डाइट में सबसे पहले मॉडिफिकेशन करने पर जोर दिया जाता है। डाइट में कुछ चीजों को जहां शामिल करना जरूरी होता है वहीं कुछ चीजों को डाइट से स्किप करना भी जरूरी होता है।

कम कार्बोहाइड्रेट और कम कैलोरी वाली डाइट वजन कंट्रोल करने का शानदार तरीका है, लेकिन एक नई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि वजन कम करने के लिए सिर्फ कार्बोहाइड्रेट की मात्रा और कम कैलोरी का सेवन ही काफी नहीं है बल्कि उसकी गुणवत्ता का ध्यान रखना भी जरूरी है। रिसर्च के मुताबिक कार्बोहाइड्रेट,वसा और प्रोटीन की मात्रा ये तय नहीं करती कि आप कितनी वसा कम कर रहे हैं या उसे बनाए हुए हैं।

शोध, हार्वर्ड टी.एच. द्वारा आयोजित किया गया। बोस्टन में चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने यह पता लगाने के लिए दशकों तक शोध में शामिल प्रतिभागियों पर अध्ययन किया। रिसर्च में शामिल प्रतिभागियों को वजन कम करने के लिए पांच अलग-अलग तरह के कम कार्बोहाइड्रेट वाले फूड्स का सेवन करने की सलाह दी गई।

अध्ययन के प्रमुख लेखक, बिंकाई लियू, पीएचडी कहते हैं कि वजन कम करने के लिए प्लांट बेस प्रोटीन,वसा और हेल्दी कार्बोहाइड्रेट से भरपूर डाइट सबसे बेहतरीन फूड्स हैं। आकाश हेल्थकेयर की डाइटीशियन अदीबा खानम कहती हैं कि कम कार्बोहाइड्रे वाली डाइट बहुत लोकप्रिय हैं, लेकिन उसकी गलत संरचना वेट मेनेजमेंट के लक्ष्य को प्रभावित कर सकती है।

वजन कम करने के लिए आइडियल कम कार्ब डाइट क्या है?

कम कार्बोहाइड्रेट वाले फूड्स की बात करें तो इसमें प्रोटीन और नॉन स्टार्च वाली सब्जियां शामिल है। वेट लॉस करने के लिए अनाज, फलियां, फल, ब्रेड, मिठाइयां, पास्ता और स्टार्चयुक्त सब्जियों से परहेज करना जरूरी है। साथ ही कुछ मेवे और बीज से भी परहेज करना जरूरी है। नॉन-स्टार्च वाली सब्जियों से मतलब आलू, मटर और मक्का को डाइट से स्किप करना है।

पालक, ब्रोकोली और टमाटर जैसी सब्जियों को उनके फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण उसके सेवन पर जोर दिया जाता है। प्रोटीन से भरपूर डाइट में सेम, दाल, लीन एनिमल प्रोटीन,मछली, ग्रीक दही, पनीर और अंडे का सेवन बढ़ाना चाहिए। साबुत अनाज जैसे क्विनोआ, ब्राउन चावल, बुलगुर और बाजरा का सेवन स्मॉल पोर्शन में करना चाहिए। संतरे जैसे खट्टे फल विटामिन सी की कमी पूरी करते हैं। मेवे और बीज सीमित मात्रा में हेल्दी वसा, प्रोटीन और फाइबर देते हैं।

लो कार्बोहाइड्रेट वाले प्लांट बेस्ड फूड्स

टमाटर, प्याज, फूलगोभी, बैंगन, शिमला मिर्च, ब्रोकोली, ब्रसेल्स और स्प्राउट्स जैसी सब्जियों में कार्ब्स काफी कम होता हैं। एवोकैडो और जैतून फैटी फ्रूट्स के रूप में जाने जाते हैं, इनमें कार्ब्स की मात्रा कम होती है लेकिन हेल्दी फैट की मात्रा अधिक होती है। बादाम, अखरोट, मैकाडामिया नट्स, मूंगफली और कद्दू के बीज जैसे मेवों और बीजों में कार्ब्स की मात्रा कम होती है जबकि प्रोटीन और वसा की मात्रा अधिक होती है। टोफू जैसे सोया आधारित खाद्य पदार्थ उच्च प्रोटीन और कम कार्ब वाले होते हैं। हरी फलियां और चने जैसी कुछ फलियां कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट है।