राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासत और अटकलों का बाजार गर्म हैं। इसी बीच विपक्ष के तमाम नेता सक्रिय हो गए हैं और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर लगातार बैठकें कर रहे हैं। 14 जून को ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शरद पवार से मुलाकात की थी। इसी बीच राष्ट्रपति पद के पहले उम्मीदवार ने नामांकन कर दिया है, जिनका नाम है जीवन कुमार मित्तल। जीवन कुमार मित्तल तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

कौन हैं जीवन कुमार मित्तल?: जीवन कुमार मित्तल का जन्म 1956 अमृतसर में हुआ था लेकिन लंबे वक्त (1966) से वह दिल्ली में ही रहते हैं। वह लगातार सामाजिक मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति को चिट्ठियां लिखते रहते हैं। जीवन कुमार मित्तल ने एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत में कहा कि उन्हें पढ़ने और लिखने का बहुत शौक है। वे सरकार की खामियों पर नजर रखते हैं। जीवन बताते हैं कि वे अब तक 5000 से ज्यादा चिट्ठियां राष्ट्रपति के पास भेज चुके हैं।

तीसरी बार लड़ने जा रहे हैं चुनाव: जीवन कुमर मित्तल तीसरी बार राष्ट्रपति चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इससे पहले साल 2012 में उन्होंने चुनाव लड़ने की कोशिश की थी। फिर 2017 में उन्होंने नामांकन किया था। साल 2022 में भी जीवन कुमार मित्तल चुनाव लड़ने के लिए नामांकन कर चुके हैं। जीवन का कहना है कि नामांकन के बाद ही, पहले ही राउंड में हमें इस चुनाव से बाहर कर दिया जाता है। 

क्यों राष्ट्रपति बनना चाहते हैं मित्तल?: जीवन कुमार मित्तल का कहना है कि आम इंसान की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार, प्रशासन कोई सुनने को तैयार नहीं है। भारत में गरीबी, अशिक्षा और गंदगी को दूर करने के लिए राष्ट्रपति बनना चाहता हूं। मैं एक ऐसा प्लेटफॉर्म खोलना चाहता हूं जहां लोग अपनी शिकायत आसानी से दर्ज करवा सकें और राष्ट्रपति तक पहुंचा सकें। मित्तल ने कहा, देश को सुधारने की तरफ कोई नहीं सोच रहा है।

पहले ही राउंड में हो जाते हैं बाहर: जीवन कुमार मित्तल ने बताया कि नामांकन के बाद पहले ही राउंड में 100 में 98 में उम्मीदवार बाहर कर दिए जाते हैं। ऐसा इसलिए होता क्योंकि किसी के भी फॉर्म पर किसी एमपी और एमएलए का साइन नहीं होता है। मित्तल ने कहा कि कोई मेरे फॉर्म पर साइन करेगा भी क्यों, किसी के पास जाओ तो कहते हैं कि मोदी के साथ हूं तो कोई कहता है मैं सोनिया के साथ हूं। इसलिए मैं किसी से समर्थन मांगने नहीं जाता। नामांकन कर देता हूं और पहले ही राउंड में बाहर कर दिया जाता हूं।

बता दें कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है। ऐसा कहा जा रहा था कि नीतीश कुमार और शरद पवार चुनाव लड़ सकते हैं लेकिन अब दोनों ने इस रेस से बाहर रहने की बात कही है। उधर, ममता बनर्जी की अगुवाई में विपक्ष के नेता राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम के लिए मंथन कर रहे हैं।