Custard Apple Fear and Facts:डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो एक बार लग जाए तो मरते दम तक साथ रहती है। डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी है कि ब्लड शुगर को कंट्रोल करें। डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए डाइट का ध्यान रखें, तनाव से दूर रहे और बॉडी को एक्टिव रखें। डायबिटीज के मरीज डाइट में ऐसे फूड्स को शामिल करें जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो और जिनका सेवन करने के बाद ब्लड शुगर कंट्रोल रहे। डायबिटीज के मरीजों को सलाह दी जाती है कि वो मीठी चीजों से परहेज करें और फैट का कम सेवन करें।
शरीफा सर्दी में पाया जाने वाला बेहद स्वादिष्ट और मीठा फल होता है जिसकी तासीर ठंडी होती है। शरीफा पौष्टिक तत्वों से भरपूर फल है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर, आयरन और कॉपर पाया जाता है। शरीफा में विटामिन बी 6, कैल्शियम, मैगनीशियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो बॉडी को हेल्दी रखते हैं। अब सवाल ये उठता है कि पोषक तत्वों से भरपूर शरीफा कैसे ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है।
शरीफा को लेकर लोगों की अलग-अलग राय है। कुछ लोगों का मानना होता है कि शरीफा खाने से शरीर को नुकसान पहुंचता है तो कुछ का मानना है कि शरीफा फायदा पहुंचाता है। इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए सेलिब्रिटी न्यूट्रिशियनिस्ट राजुता दिवेकर (Rujuta Diwekar) ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट लिखा है। इस पोस्ट में उन्होंने शरीफा के बारे में वास्तविक तथ्य की जानकारी दी है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि डायबिटीज के मरीज शरीफा का सेवन करें या नहीं। क्या शरीफा डायबिटीज के मरीजों में फैट को बढ़ा सकता है।
डायबिटीज में शरीफा खाएं या न खाएं?
राजुता दिवेकर लिखती हैं कि डायिबटीज में शरीफा फायदेमंद है। ग्लिसिमिक इंडेक्स (glycemic index) में शरीफा का नंबर बहुत कम है। खून में ब्लड शुगर की मात्रा को कोई चीज कितनी बढ़ाती है, इसके लिए ग्लाइसेमिक इंडेक्स का सहारा लिया जाता है। चूंकि ग्लाइसेमिक इंडेक्स में शरीफा का स्तर बहुत कम है, इसलिए डायबिटीज मरीजों को शरीफा खाने की सलाह दी जाती है।
क्या शरीफा में फैट होता है?
डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी है कि वो वजन को कंट्रोल करें। वजन कंट्रोल करने के लिए डाइट में वसा का सेवन कम करें। राजुता दिवेकर के मुताबिक तथ्य यह है कि शरीफा विटामिन बी का बेहतरीन स्रोत है। विशेष तौर पर इसमें बी 6 पाया जाता है। यहां तक कि बदहजमी में भी शरीफा का सेवन फायदेमंद होता है। इसलिए इसमें ज्यादा फैट होने की बात गलत है।
इसलिए यह एक मिथ है कि हार्ट पैशेंट को शरीफा नहीं खाना चाहिए। जबकि शरीफा में उच्च स्तर के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें मैंगनीज एवं विटामिन सी जैसे मिनिरल्स पाए जाते हैं, जो हार्ट और सर्कुलेटरी सिस्टम पर एंटी-एजिंग की तरह काम करता है।
गर्भाशय की बीमारी PCOD में शरीफा खाना चाहिए या नहीं?
राजुता दिवेकर कहती हैं कि कुछ लोगों का मानना है कि जिस महिला को PCOD (Polycystic Ovarian Disease) बीमारी है, उसे शरीफा नहीं खाना चाहिए जबकि तथ्य यह है कि शरीफा में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है जो थकान से लड़ता है और चिड़चिड़ापन को दूर करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा यह इंफर्टिलिटी को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है।