Tips for Pregnant Women: आयोडीन नामक तत्व से लोग भली-भांति परिचित हैं, सेहत के लिए ये बेहद जरूरी है। ऐसे में शरीर में रोजाना इसकी थोड़ी-थोड़ी खुराक जाना आवश्यक है। इसकी कमी से लोग कई बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। खासकर महिलाओं में आयोडीन की कमी अधिक देखने को मिलती है। ये आगे चलकर उनमें थायरॉयड, बांझपन का कारण बन सकती है। वहीं, गर्भधारण करने के बाद अगर महिलाओं के शरीर में इस पोषक तत्व की कमी हो जाती है तो इससे बच्चों का मानसिक विकास रुक सकता है। साथ ही, नवजात शिशु में तंत्रिका तंत्र से संबंधिक गड़बड़ियां होने का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं विस्तार से –

क्यों जरूरी है आयोडीन: आयोडीन एक जरूरी माइक्रो-न्यूट्रिएंट है जो ह्यूमन बॉडी में थायरॉइड हार्मोन के निर्माण के लिए जिम्मेदार होता है। इसकी कमी से शरीर की कार्य प्रणाली प्रभावित होती है और पीड़ितों का मेटाबॉलिज्म बिगड़ जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को आयोडीन की खुराक बढ़ा देनी चाहिए क्योंकि उनके शरीर के साथ ही शिशु के विकास के लिए भी ये तत्व आवश्यक है।

आयोडीन डेफिशियंसी दूर करने के लिए इतनी होनी चाहिए खुराक: आयोडीन डेफिशियंसी, आयोडीन तत्व की कमी है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाएं अपनी रेगुलर डाइट में कम से कम 250 Fmcg आयोडीन शामिल करें। इसके साथ ही, कमी को दूर करने के लिए महिलाएं आयोडीन सप्लीमेंट्स का सेवन भी कर सकती हैं।

इन बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा: प्रेग्नेंसी में महिलाओं को अपने खानपान व सेहत के प्रति अधिक सतर्क हो जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि अपने स्वास्थ्य के साथ ही महिलाओं को गर्भ में पल रहे शिशु का ख्याल भी रखना पड़ता है। इस पोषक तत्व की कमी नवजात शिशु में कुछ बीमारियों का खतरा बढ़ाती हैं –

क्रेटिनिस्म
मेंटल इम्बैलेंस
गॉइटर
ड्वार्फिज्म

ऐसे करें इस कमी की पूर्ति: मांसाहारी भोजन में आयोडीन प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है, खासकर अंडे और समुद्री खाने में – ऐसे में उनका सेवन फायदेमंद होगा। दूध व इससे बने उत्पादों में भी आयोडीन पाया जाता है। ब्राउन राइस, रोस्टेड आलू और लहसुन खाने से भी इस कमी को दूर किया जा सकता है।