Heart Disease Care Tips: हृदय रोग किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। “हृदय रोग” शब्द का उपयोग अक्सर “कार्डियोवस्कुलर डिजी” शब्द के साथ किया जाता है। हृदय रोग आमतौर पर उन स्थितियों को संदर्भित करता है जिसमें संकुचित या अवरुद्ध ब्लड वेसेल्स होती हैं जो दिल का दौरा, सीने में दर्द या स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं। आमतौर पर यह समस्या बढ़ती उम्र के लोगों में देखने को मिलती है। हार्ट के मरीजों को सांस लेने में समस्या होने लगती है या फिर सीने में तेज दर्द होने लगता है। यदि आपके माता-पिता में से किसी को हार्ट डिजीज की समस्या है तो कुछ आसान सी चीजों को फॉलो कर के उनकी परेशानी को कम कर सकते हैं या उसे गंभीर होने से बचा सकते हैं। आइए जानते हैं उन टिप्स के बारे में-

उनसे बात करें: यदि आपके माता-पिता किसी तरह की फाइनेंशियल या फिर इमोशनल चीजों का सामना कर रहे हैं तो आप उनसे उस बारे में बात करें। उनकी परेशानी दूर करें। आप उन्हें इस बात का यकीन दिलाएं कि जो भी परेशानी है आप उसे दूर करने की पूरी कोशिश करेंगे और हर तरीके से उन्हें सपोर्ट करेंगे।

मेडिकल ट्रीटमेंट: हमेशा अपने माता-पिता का मेडिकल ट्रीटमेंट करवाते रहें ताकि एक छोटी सी भी समस्या कोई गंभीर रुप ना ले ले। डॉक्टर को अपने माता-पिता की हर छोटी-बड़ी समस्या के बारे में बताएं, ताकि वह उनका सही ट्रीटमेंट कर सकें। उनके मेडिकल हिस्ट्री पर हमेशा नजर रखें।

नर्स या किसी हेल्पर को रखें: यदि आपके माता-पिता को हार्ट से जुड़ी कोई गंभीर समस्या है तो उनके लिए घर पर ही आप सारा इंतजाम कर दें। उनकी हेल्प के लिए नर्स या फिर किसी हेल्पर को रखें। ऐसा करने से उनको किसी भी काम को अकेले नहीं करना पड़ेगा, जिससे उनपर कोई भार या दबाव नहीं पड़ेगा।

हमेशा सचेत रहें: अपने माता-पिता की बीमारी को लेकर हमेशा सचेत रहें। हर कुछ दिन पर उन्हें डॉक्टर के पास जरूर ले जाएं। ऐसा करने से उनकी हर बीमारी का आपके पास रिकॉर्ड रहेगा और उन्हें किसी गंभीर समस्या की चपेट में आने से आप बचा पाएंगें।

उनकी दवाइयों पर ध्यान दें: चाहे हार्ट डिजीज हो या फिर डायबिटीज और ब्लड प्रेशर, अपने माता-पिता की हर दवाई पर आपको अपनी खास नजर रखने की जरूरत है। ऐसा करना उनके लिए काफी फायदेमंद होगा और उन्हें किसी भी बीमारी के खतरे से बचाकर रखेगा।