बढ़ता मोटापा हर किसी को बुरा लगता है। आनुवंशिकी, डाइट और खराब लाइफस्टाइल बॉडी में फैट स्टोर होने के मुख्य 3 कारण है। अक्सर हम लोग मोटापा बढ़ने पर पेट और कमर के फैट को लेकर परेशान रहते हैं। कुछ लोगों के पेट व कमर के इर्द-गिर्द चर्बी इतनी ज्यादा होती है कि वो चाहकर भी अपने पसंद के कपड़े नहीं पहन पाते हैं। पेट और कमर पर तंग कपड़े उन्हें दूसरों के सामने शर्मिंदा करते हैं।
आप भी पेट या फिर कमर के आस-पास बढ़ते फैट से परेशान हैं तो सबसे पहले लाइफस्टाइल में बदलाव करें और एक्सरसाइज करना शुरू कर दें। कुछ खास टिप्स को अपना कर आप शरीर में बढ़े फैट को आसानी से कम कर सकते हैं। शरीर में बढ़ी हुई चर्बी धीरे-धीरे कम होती है। आइए जानते हैं कि कमर के फैट को कम करने के लिए कौन-कौन से उपायों को अपना सकते हैं।
कैलोरी की मात्रा घटाएं: कमर के पास की चर्बी को कम करना चाहते हैं तो सबसे पहले कैलोरी का सेवन कम करें। आप जितनी कैलोरी का सेवन करते हैं उससे ज्यादा कैलोरी को बर्न करें। कैलोरी बर्न करने के लिए दौड़े, एक्सरसाइज करें या फिर वॉक करें। तेजी से कमर का फैट कंट्रोल होगा। कमर की चर्बी कम करने के लिए आप एक्सरसाइज करेंगे तो आपकी पीठ की मांसपेशियां टोन होंगी
हाई-इंटेंसिटी इंटरवल एक्सरसाइज करें: अपनी रूटीन में हाई-इंटेंसिटी इंटरवल एक्सरसाइज (HIIT)को शामिल करें। इस वर्कआउट को करने से आप को जल्द ही नतीजे मिलना शुरू हो जाएंगे। इस वर्कआउट से आपकी कमर टोन होगी और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होंगी।
कमर की चर्बी से छुटकारा पाने के लिए डाइट: फाइबर से भरपूर और कम सोडियम का सेवन करने से आपको अतिरिक्त वसा और पानी का वजन जो कमर के आस-पास है उसे कम करने में मदद मिल सकती है। कुछ फूड ऐसे हैं जो तेजी से वजन को कंट्रोल करने में मदद करते हैं जैसे एवोकाडो, पूरी तरह उबले हुए अंडे, पत्तेदार सब्जिया, ब्रोकोली और फूलगोभी, शकरकंद, सेलमन, टून, मछली और चिकन ब्रेस्ट।
पानी ज्यादा पीएं: कमर की चर्बी को कम करने के लिए पानी का अधिक से अधिक सेवन करें। पानी बॉडी से यूरिन के जरिए टॉक्सिन बाहर निकालता है और पेट को साफ करता है। पानी पीने से आपको भूख कम लगती है और आप कम खाते हैं।
मीठी चीजों और कोल्डड्रिंक्स से करें परहेज: यदि आप कमर के आस-पास जमा हुई चर्बी को कम करता चाहते हैं तो मीठे चीज़ों और कोल्डड्रिंक्स के सेवन को कम कर दें। मीठी चीजें और कोल्डड्रिंक का सेवन करने से बॉडी में कैलोरी ज्यादा बढ़ जाती है जो फैट के रूप में सामने आता है।
