Surya Namaskar, Surya Pranam in Hindi: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनहेल्दी लाइफस्टाइल लोगों को कई गंभीर बीमारियों का शिकार बना रही है। यही वजह है कि आज डायबिटीज, हार्ट अटैक, मोटापा, पथरी, फैटी लिवर आदि जैसी गंभीर और जानलेवा स्थिति बेहद आम हो गई हैं। इतना ही नहीं, युवाओं के साथ-साथ अब बच्चें भी इस तरह के रोगों का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में समय रहते सेहत पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। अब, सवाल आता है कि इन रोगों के खतरे को कम करने या इनसे उभरने के लिए क्या किया जाए?

बता दें कि ‘योग’ इस सवाल का बेहद फायदेमंद और सटीक जवाब सिद्ध हो सकता है। कई हेल्थ रिपोर्ट्स बताती हैं कि नियमित योग का अभ्यास तमाम रोगों के जोखिम को कम कर स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देता है। ऐसे में आप अपने बिजी शेड्यूल से केवल 20 से 30 मिनट निकालकर हेल्दी लाइफ की ओर कदम बढ़ा सकते हैं और इसकी शुरुआत भी आप सूर्य नमस्कार से कर सकते हैं। सूर्य नमस्कार को योगासनों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका और किस तरह इसका अभ्यास आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

सूर्य नमस्कार में दरअसल, 12 योगासन समाहित हैं। आसान भाषा में कहें, तो इसे 12 स्टेप्स में किया जाता है जो इस प्रकार हैं-

  • स्टेप 1- प्रणामासन
  • स्टेप 2- हस्तोत्तानासन
  • स्टेप 3- हस्तपादासन
  • स्टेप 4- अश्व संचालनासन
  • स्टेप 5- दंडासन
  • स्टेप 6- अष्टांग नमस्कार
  • स्टेप 7- भुजंगासन
  • स्टेप 8- अधोमुख श्वानासन
  • स्टेप 9- अश्व संचालनासन
  • स्टेप 10- हस्तपादासन
  • स्टेप 11-हस्तोत्तानासन
  • स्टेप 12-ताड़ासन

मिलते हैं ये फायदे

  • नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करने से मिलने वाले फायदों की लिस्ट लंबी है। 12 योगासन का ये अभ्यास आपके शरीर को पूरी तरह से फिट रखने में मदद करता है। खासकर जो लोग मोटापे से परेशान हैं और इसके लिए अन्य किसी एक्सरसाइज या डाइटिंग पर अधिक ध्यान नहीं दे पाते हैं, वे दिन में 20 से 30 मिनट का समय निकालकर इन आसनों का अभ्यास कर सकते हैं।
  • गौरतलब है कि मोटापा शर्मिंदगी के साथ-साथ कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बनता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स टाइप 2 डायबिटीज, दिल की बीमारी, उच्च रक्तचाप, पित्ताशय का रोग, फैटी लिवर, उच्च कोलेस्ट्रॉल आदि जैसी कई गंभीर स्थितियों के लिए बढ़ते वजन को अहम कारण बताते हैं। ऐसे में इन 12 आसनों को अभ्यास बढ़ते वजन पर काबू पाकर इन तमाम गंभीर स्वास्थ रोगों के खतरे को कम कर सकता है।
  • नियमित सूर्य नमस्कार का अभ्यास कब्ज, अपच और पेट से जुड़ी अन्य परेशानियों से राहत दिलाने में असरदार है। यह पाचन-तंत्र में रक्त संचार को बढ़ाता है, जिससे आंतों की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
  • सूर्य नमस्कार के अलग-अलग आसन शरीर के अलग-अलग अंगों पर प्रभाव डालते हैं, जिससे न केवल बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है, बल्कि ये हड्डियों को भी अधिक मजबूत बनाने में सहायता करता है।
  • सूर्य नमस्कार को रूटीन में शामिल कर शरीर को अधिक फुर्तीला बनाने में मदद मिलती है, खासकर जो लोग अक्सर सुस्ती और थकान का सामना करते हैं, उनके लिए ये फायदेमंद हो सकता है।
  • अस्थमा और श्वसन रोग से पीड़ित लोगों के लिए सूर्य नमस्कार के 12 आसनों का अभ्यास बेहद फायदेमंद है। इससे फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार होता है।
  • इन सब के अलावा सूर्य नमस्कार का अभ्यास ​शरीर में बेहतर ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है। वहीं, बेहतर ब्लड सर्कुलेशन से आपकी त्वचा और बालों को पर्याप्त पोषण मिलता है। यानी इन 12 योगासन की मदद से स्किन और बालों से जुड़ी परेशानियों को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है।

इन गलतियों से बचना है जरूरी

  • जैसा की ऊपर जिक्र किया गया है, सूर्य नमस्कार 12 आसनों का एक सेट है। ऐसे में हर आसन के दौरान समय का एक निश्चित अंतराल रखें, किसी भी आसन को जल्दबाजी में करने से बचें।
  • कुछ आसन का अभ्यास जटिल हो सकता है। खासकर दंडासन करते समय लोग कंधों पर ज्यादा प्रेशर देने लगते हैं, इसके चलते आपकी रीढ़ और कंधे की मांसपेशियों में दर्द बढ़ सकता है। ऐसे में अगर आप पहली बार अभ्यास कर रहे हैं, तो इस दौरान एक्सपर्ट की राय बेहद जरूरी है।
  • 12 आसनों में से हस्तोत्तानासन और हस्तपादासन को दो बार किया जाता है। कई बार लोग एक बार इसे स्किप कर देते हैं, जिसकी वजह से सांसों का संतुलन टूट सकता है। जरूरी है कि आप एक निश्चित क्रम में सूर्य नमस्कार का अभ्यास करें।
  • इससे अलग अगर आप इन सभी योगासनों को एक साथ नहीं कर पा रहे हैं, तो दो-दो कर शुरुआत करें। खुद को जरूरत से अधिक पुश न करें। ऐसा करने पर मांसपेशियों में खिचांव हो सकता है। हर दिन दो मुद्राओं से अभ्यास करें। समय के साथ आप इन्हें अधिक बढ़ा सकते हैं।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।