डायबिटीज के ज्यादातर मरीज अपनी डाइट में चावल के सेवन करने को लेकर असमंजस में रहते हैं। उन्हें ये दुविधा रहती है कि वो अपनी डाइट में कार्बोहाइड्रेट की कितनी मात्रा का सेवन कर सकते हैं? डायबिटीज के मरीजों को कार्बोहाइड्रेट वाले फूड जैसे चावल और गेहूं का सेवन करना चाहिए या नहीं। अगर करना चाहिए तो कितनी मात्रा में इसका सेवन पर्याप्त है। कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज में टूट जाते हैं और फिर हमारे रक्तप्रवाह में अवशोषित हो जाते हैं। शुगर और स्टार्चयुक्त कार्बोहाइड्रेट हमारे ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाते हैं।
फोर्टिस मोहाली के क्लिनिकल न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स विभाग की प्रमुख डॉ. सोनिया गांधी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि डायबिटीज के मरीजों की दिन की कुल किलोकैलोरी का 40-45 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट से पूरा होना चाहिए। आइए एक्सपर्ट से जानते है कि डायबिटीज के मरीज कितने चावल का सेवन कर सकते हैं कि ब्लड शुगर कंट्रोल रहे।
शुगर के मरीजों को कितना चावल खाना चाहिए?
एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों को कितने चावल का सेवन करना चाहिए ये जानना बेहद जरूरी है। एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज के मरीज रोजाना कम से कम 30 ग्राम कच्चा चावल पका कर खा सकते हैं। 30 ग्राम चावल में 30 गेहूं की चपाती के समान कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है। चावल से ग्लूकोज के अवशोषण की दर अधिक होती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन द्वारा जारी पोर्शन साइज लिस्ट के अनुसार, एक पोर्शन साइज 30 ग्राम कच्चे चावल के लिए गिना जाता है।
डायबिटीज के मरीजों में पूरे दिन में कार्बोहाइड्रेट और कैलोरी का सेवन किसी भी इंसान की हाइट, वजन, एक्सरसाइज पैटर्न और दवा का सेवन करने पर निर्भर करता है। एक्सपर्ट के मुताबिक डायबिटीज के मरीज एक निश्चित समय अंतराल के बाद छोटे पोर्शन में कार्ब्स और कैलोरी का सेवन कर सकते हैं।
डॉ गांधी के अनुसार डॉक्टर अक्सर मरीजों को सलाह देते हैं कि वो कार्बोहाइड्रेट से पूरी तरह से दूर रहें। डायबिटीज के मरीजों के लिए कार्बोहाइड्रेट की गुणवत्ता और मात्रा पर ध्यान देना जरूरी है। चीनी, मैदा, आलू, केला, गुड़, शहद, जूस और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के परहेज करें। डायबिटीज के मरीज सरल कार्बोहाइड्रेट के बजाय जटिल कार्बोहाइड्रेट जैसे साबुत अनाज, दालें, फलियां, फल और सब्जियों का सेवन करें।
क्या डायबिटीज के मरीजों के लिए ब्राउन राइज का सेवन ठीक है?
डॉ गांधी कहते हैं कि ब्राउन राइस में सफेद चावल की तुलना में अधिक फाइबर मौजूद होता है इसलिए शुगर कंट्रोल करने के लिए ब्राउन राइस का सेवन फायदेमंद है। हालांकि सफेद चावल और ब्राउन चावल की कार्बोहाइड्रेट मात्रा में ज्यादा अंतर नहीं है। सब्जियों और दालों के साथ चावल का सेवन करने से, चावल के एक हिस्से को बीन्स के साथ मिलाकर खाने से खाने के पोषण तत्वों में वृद्धि होती है। उबले हुए चावल को खिचड़ी या पुलाव के रूप में अधिक सब्जियां डालकर हेल्दी बनाया जा सकता है। डायबिटीज के मरीज ग्लाइसेमिक इंडेक्स को ध्यान में रखते हुए फूड का सेवन करें शुगर कंट्रोल रहेगी।