ओरल हेल्थ यानि मौखिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। मुंह की हेल्थ से मतलब दांतों और मसूड़ों की हेल्थ से हैं। दांतों और मसूड़ों की खराब हेल्थ, ब्रेन की बीमारी अल्जाइमर का खतरा बढ़ा देती है, ये बात एक रिसर्च में सामने आई है। संयुक्त राज्य अमेरिका में किया गए एक शोध के मुताबिक मुंह में मौजूद बैक्टीरिया मस्तिष्क तक जाते हैं, जो अल्जाइमर रोग वाले व्यक्तियों में सेल्स डेड और संज्ञानात्मक गिरावट में योगदान करते हैं। शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया है कि ओरल हेल्थ को नज़रअंदाज़ करने से उन कोशिकाओं में परिवर्तन हो सकता है जो मस्तिष्क को अमाइलॉइड प्लाक (amyloid plaque) से बचाती हैं।
मसूड़ों के रोग क्या हैं?
मसूड़ों की बीमारियां आम परेशानी है जिसका इलाज संभव है। अक्सर लोग मसूड़ों में सूजन,दर्द और बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाते हैं। दुनिया भर में लोग मसूड़ों की बीमारियों से प्रभावित हैं। मसूड़ों की बीमारी के सामान्य लक्षण हैं, ब्रश करते या दांतों की सफाई करते समय मसूड़ों से खून आना, ब्रश करने के बाद सांसों से दुर्गंध आना, मसूड़ों का गहरा बैंगनी होना,फ्लॉसिंग के बाद खून के धब्बे आना शामिल हैं।
मसूड़ों की बीमारियों के कारण
मसूड़ों की बीमारियों के कई कारण हो सकते हैं जिसमें खराब ओरल हेल्थ है। कुछ सामान्य कारक हैं जो मसूड़ों की बीमारियों का कारण बनते हैं जैसे प्लाक,हार्मोन्स में बदलाव और कुछ दवाईयों का सेवन मौखिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता हैं। कुछ दवाईयां मसूड़ों के ऊतकों की असामान्य वृद्धि का कारण बन सकती हैं, जिससे मसूड़ों में सूजन की संभावना बढ़ जाती है।
मसूड़ों की बीमारी और डिमेंशिया का संबंध
प्लाक एक प्रकार का प्रोटीन है जो अल्जाइमर रोग से पीड़ित व्यक्तियों में कोशिकाओं के डेड होने और संज्ञानात्मक गिरावट दोनों से जुड़ा होता है। संयुक्त राज्य अमेरिका से शुरू हुए हालिया शोध के मुताबिक मुंह के बैक्टीरिया मस्तिष्क में प्रवेश करने में कामयाब होते हैं।
बोस्टन विश्वविद्यालय के डॉ.एल्पडोगन कांटारसी के अनुसार,ओरल सूजन और संक्रमण को नजरअंदाज करने से अल्जाइमर जैसी स्थितियों की रोकथाम करना मुश्किल होता है। शोधकर्ताओं ने आगे बताया कि मसूड़ों की बीमारी से जुड़ी सूजन मस्तिष्क के पास सूजन को बढ़ाती है। अब सवाल ये पैदा होता है कि क्या मौखिक बैक्टीरिया मस्तिष्क कोशिकाओं के भीतर परिवर्तन ला सकते हैं? आपको बता दें कि मसूड़ों की बीमारी मसूड़ों और दांतों के बीच के क्षेत्र में घावों बढ़ाने में जिम्मेदार है।
डॉ. कांटारसी ने कहा कि यह मसूड़ों में होने वाला घाव बैक्टीरिया को आपके ब्लड फ्लो में प्रवेश करके बॉडी के अन्य हिस्सों में प्रवेश करने का रास्ता देता हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि मसूड़ों के बैक्टीरिया की वजह से नसों में सूजन की समस्या होती है। रिसर्च के मुताबिक तंत्रिकाओं को सूजन और न्यूरोडिजेनरेशन से बचाने के लिए मसूड़ों की सूजन को कंट्रोल करना जरूरी है।
मसूड़ों को हेल्दी इस तरह रखें
- जब भी कुछ खाएं तो दांतों पर ब्रश जरूर करें। ब्रश करने के लिए सही टूटपेस्ट का इस्तेमाल करें।
- दिन में दो बार माउथवॉश से कुल्ला जरूर करें।
- मसूड़ों की नमक और तेल के पेस्ट से कुछ देर मसाज करें।
- डाइट में सभी पोषक तत्वों को शामिल करें।
- नियमित रूप से डेंटल चेकअप करवाएं।